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प्रेम में ऊपर उठना
गव ने कहाः अनुभव करो
ए कि सृजन के सूक्ष्म गुण तुम्हारे स्तनों को परिव्याप्त कर रहे हैं और कोमल समानुरूप धारण कर रहे हैं।
शि
क सूजन के कम गुण
स्तनों पर चित्त को एकाग्र करो, उनके साथ एक हो जाओ, बाकी पूरे शरीर को भूल जाओ। अपनी पूरी चेतना को स्तनों पर ले जाओ और कई घटनाएं तुम्हारे साथ घटेंगी। यदि तुम ऐसा कर सको, यदि पूरी तरह से स्तनों पर अपने होश को केंद्रित
प्रेम का वर्तुल
कर सको तो सारा शरीर भारमुक्त हो से स्त्रियों के लिए हैं।
लेकिन स्त्री के स्तन धनात्मक हैं। यदि जाएगा और एक गहन माधुर्य तुम्हें घेर इस विधि को कोई पुरुष नहीं कर स्त्रियां स्तनों के पास चित्त को एकाग्र करें, लेगा। माधुर्य का एक गहन भाव तुम्हारे सकता। वास्तव में यदि कोई पुरुष अपने तो वे अत्यंत आह्लादित, अत्यंत आनंदित बाहर, भीतर, ऊपर, नीचे, सब ओर स्तनों पर चित्त को एकाग्र करने लगे तो अनुभव करेंगी; एक माधुर्य उनके पूरे स्पंदित होगा।
वह बेचैन हो जाएगा। करके देखो। पांच प्राणों पर परिव्याप्त हो जाएगा और शरीर जो भी विधियां विकसित की गई हैं, वे मिनट में ही तुम्हारा पसीना बहने लगेगा, गुरुत्वाकर्षण खो देगा। वे हलकी महसूस कमोबेश पुरुष द्वारा ही विकसित की गई तुम बेचैन हो जाओगे, क्योंकि पुरुष के करेंगी, जैसे कि उड़ सकती हों। और इस हैं। इसलिए उनमें ऐसे ही केंद्रों का उल्लेख स्तन ऋणात्मक हैं, वे तुम्हें नकारात्मकता एकाग्रता के साथ बहुत से परिवर्तन होंगेः है जो पुरुष के लिए सरल होते हैं। जहां ही देंगे। तुम्हें बेचैनी और दुविधा होगी, तुम अधिक मातृत्वमय हो जाओगी। भले तक मैं जानता हूं केवल शिव ने ही कुछ जैसे शरीर में कुछ गड़बड़, कुछ ही तुम मां न होओ, लेकिन तुम अधिक ऐसी विधियां दी हैं जो आधारभूत रूप अस्वस्थता, कुछ बीमारी हो गई हो। मातृत्वमय हो जाओगी। हर किसी से
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