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ध्यान की विधियां
हम अपनी आंखें बंद करते हैं तो प्रकाश अंधकार, शिव का अंधकार-उससे सुदूर गांव में चले जाओ जहां बिजली न का निगेटिव अनुभव होता है जिसे हम हमने संपर्क खो दिया है। उससे हमारा हो, या किसी पहाड़ की चोटी पर चले अंधकार कहते हैं। वह वास्तविक नहीं है, कोई संपर्क नहीं है। हम उससे इतने जाओ। बस शुद्ध अंधकार का अनुभव वह काम नहीं आएगा।
भयभीत हो गए हैं कि हमने अपने को करने के लिए एक सप्ताह वहां रहो। अपनी आंखें खोल लो, अंधेरे में अपनी उससे बिलकुल दूर कर लिया है। हम तुम एक अलग व्यक्ति होकर लौटोगे, आंखें खोले रहो, और तुम्हें एक भिन्न उसकी ओर अपनी पीठ किए खड़े हैं। तो क्योंकि सात दिनों के उस परिपूर्ण अंधकार अंधकार दिखाई देगा-जो विधायक यह प्रयोग कठिन होगा, लेकिन यदि तुम में सभी भय, सभी आदिम भय ऊपर आ अंधकार है। उसमें झांको। अंधकार में इसे कर सको, तो यह चमत्कारिक है, जादू जाएंगे। तुम्हें राक्षसों का सामना करना झांकते रहो। तुम्हारे आंसू आने लगेंगे, से भरा है। तुम्हारा एक बिलकुल ही भिन्न पड़ेगा, अपने ही अचेतन का सामना करना तुम्हारी आंखें सूज जाएंगी, वे दुखने अस्तित्व हो जाएगा।
पड़ेगा। पूरी मनुष्यता...यह ऐसे ही होगा लगेंगी। चिंता मत करो, बस झांकते रहो। जब अंधकार तुममें प्रवेश करता है, तो जैसे तुम उस पूरे मार्ग से गुजर रहे हो जो
और जिस क्षण अंधकार, वहां जो तुम उसमें प्रवेश कर जाते हो। यह घटना अतीत में घटित हुआ था और तुम्हारे गहन वास्तविक अंधकार है वह तुम्हारी आंखों सदा ही पारस्परिक होती है, अन्योन्य होती अचेतन से बहुत-सी चीजें उठेगी। वे में प्रवेश कर जाता है तो वह तुम्हें सुख की है। तुम किसी भी ब्रह्मांडीय घटना में प्रवेश वास्तविक लगेंगी। शायद तुम डर जाओ, एक गहन अनुभूति देगा। जब वास्तविक कर ही नहीं सकते यदि वह ब्रह्मांडीय भयभीत हो जाओ, क्योंकि वे बहुत अंधकार तुममें प्रवेश कर जाता है, तो तुम घटना तुममें प्रवेश न कर जाए। तुम उससे वास्तविक लगेंगी-और वे हैं तुम्हारे मन उससे भर जाओगे।
बलात्कार नहीं कर सकते; तुम उसमें की ही निर्मिति। और अंधकार का यह प्रवेश तुम्हें सारे जबरदस्ती प्रवेश नहीं कर सकते। यदि तुम तुम्हें अपने अचेतन से मित्रता करनी निगेटिव अंधकार से रिक्त कर देगा। यह उपलब्ध हो, खुले हो, संवेदनशील हो,' होगी। और अंधकार पर यह ध्यान तुम्हारे एक अत्यंत गहन घटना है। तुम्हारे भीतर और यदि तुम किसी भी ब्रह्मांडीय आयाम पागलपन को पूरी तरह आत्मसात कर जो अंधकार है वह एक निगेटिव चीज है; को स्वयं में प्रवेश करने के लिए मार्ग देते लेगा। इस प्रयोग को करो; इसे तुम अपने वह प्रकाश के विपरीत है वह प्रकाश की हो, तभी तुम उसमें प्रवेश कर सकते हो। घर में भी कर सकते हो। हर रात, एक घंटे अनुपस्थिति नहीं है; वह प्रकाश के यह घटना सदा ही पारस्परिक होती है। तुम के लिए अंधकार के साथ रहो। कुछ भी विपरीत है। यह वह अंधकार नहीं है जिसे इसे अरोपित नहीं कर सकते, केवल होने मत करो, बस अंधकार में गौर से झांको। शिव आकारों का आकार कह रहे हैं वह दे सकते हो।
तुम्हें पिघलने जैसी अनुभूति होगी, और जो वास्तविक अंधकार है।
अब तो शहरों में वास्तविक अंधकार तुम्हें लगेगा कि कुछ तुममें प्रवेश कर रहा है हम उससे इतने भयभीत हैं कि हमने को खोज पाना कठिन है; हमारे घरों में और तुम किसी चीज में प्रवेश कर रहे हो। सुरक्षा की तरह प्रकाश के कई स्रोत निर्मित वास्तविक अंधकार को खोज पाना कठिन तीन महीने तक रोज एक घंटा अंधकार कर लिए हैं, और एक प्रकाशित संसार में है। नकली प्रकाश से हमने सभी कुछ के साथ रहने, जीने से तुम वैयक्तिकता जीते हैं। फिर हम अपनी आंखें बंद कर नकली बना लिया है। हमारा अंधकार भी का, विभाजन का सारा भाव खो दोगे। लेते हैं और प्रकाशित संसार भीतर प्रदूषित है, शुद्ध नहीं है। तो मात्र अंधकार फिर तुम एक द्वीप नहीं रहोगे; तुम निगेटिव होकर प्रतिबिंबित होता है। वह को अनुभव करने के लिए किसी सुदूर महासागर बन जाओगे। तुम अंधकार के जो वास्तविक अंधकार है-इसेनीज का स्थान पर चले जाना अच्छा है। किसी साथ एक हो जाओगे। और अंधकार
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