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ध्यान की विधियां
इस प्रयोग को करते रहो। इसे तुम कई नहीं होता। जल्दबाजी में तुम असंवेदनशील हो तो वह सहायक होगा। और चीजों के साथ भी कर सकते हो। होते हो। किसी भी चीज को लेकर चुपचाप तुम कई ढंग से प्रयोग कर सकते हो।
संवेदनशीलता बढ़नी ही चाहिए। तुम्हारी प्रतीक्षा करो, और तुम एक ऐसा नया किसी का हाथ अपने हाथ में ले लो। हर इंद्रिय ज्यादा जीवंत हो जानी चाहिए। चमत्कार खोज लोगे जो सदा से मौजूद था, अपनी आंखें बंद कर लो और दूसरे के फिर तुम इस विधि के साथ प्रयोग कर लेकिन तुम्हें जिसकी खबर नहीं भीतर जीवन ऊर्जा को अनुभव करो। उसे सकते हो। “अनुभव करो कि ब्रह्मांड एक थी—जिसका तुम्हें बोध नहीं था। अनुभव करो, और अपनी ओर बहने दो। आलोकमयी शाश्वत उपस्थिति है।" “अनुभव करो कि ब्रह्मांड एक पारदर्शी अपने स्वयं के जीवन को अनुभव करो प्रकाश हर ओर है-कई-कई आकारों में, आलोकमयी उपस्थिति है," और जैसे ही और उसे दूसरे की ओर बहने दो। किसी रूपों में प्रकाश हर ओर घटित हो रहा है। तुम शाश्वत अस्तित्व की उपस्थिति को वृक्ष के समीप बैठ जाओ और वृक्ष की उसकी ओर देखो! और प्रकाश सब जगह अनुभव करोगे तुम्हारा मन बिलकुल शांत छाल को स्पर्श करो। अपनी आंखें बंद कर है, क्योंकि अस्तित्व की पूरी घटना प्रकाश हो जाएगा। तुम इस अस्तित्व में बस एक लो और वृक्ष में जीवन को उठता हुआ की आधारशिला पर खड़ी है। किसी पत्ती, अंश रह जाओगे, इस महासंगीत में बस अनुभव करो, और तुम तत्क्षण रूपांतरित या किसी फूल, या किसी पत्थर की ओर एक स्वर रह जाओगे। न कोई बोझ रहा, न हो जाते हो। देखो, और देर-अबेर तुम उसमें से किरणें कोई तनावः बूंद सागर में समा गई। यदि यह प्रयोग तीन महीने के लिए निकलती अनुभव करोगे। बस धैर्य से : लेकिन प्रारंभ में बड़ी कल्पना की जरूरत किया जाए, तो तुम एक भिन्न ही जगत में प्रतीक्षा करो। जल्दबाजी मत करो क्योंकि होगी, और यदि तुम संवेदनशीलता में जीने लगोगे क्योंकि अब तुम भिन्न हो जब तुम जल्दी में होते हो तो कुछ भी प्रकट प्रशिक्षित होने का दूसरा प्रयोग भी कर रहे जाओगे।
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