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भीतर देखना
ग व ने कहाः एक पात्र को
| देखो- बिना उसकी दीवारों को, या उसकी धातु के प्रकार को देखे। और कुछ ही क्षणों में जाग्रत हो जाओ।
किसी भी चीज को देखो। एक पात्र या कोई भी चीज से काम हो जाएगा, लेकिन एक नई गुणवत्ता से देखना है : “एक पात्र को देखो-बिना उसकी दीवारों को या उसकी धातु के प्रकार को देखे।" किसी भी
समग्रता को देखना
वस्तु को देखो, लेकिन इन दो शर्तों के किसी चीज को एक समग्रता की भांति तुम किसी वस्तु को देखते हो एक समग्रता साथ देखो। पात्र की दीवारों को मत देखोः देखो; उसे हिस्सों में मत बांटो। क्यों? की भांति, तब आंखों को गति करने पात्र को एक समग्रता की भांति देखो। क्योंकि जब तुम बांटते हो, तब आंखों को की कोई जरूरत नहीं रह जाती। आंखों
सामान्यतया तो हम हिस्सों को देखते एक हिस्से से दूसरे हिस्से में गति करने का को गति करने का कोई मौका न देने के हैं। भले ही यह ज्यादा सचेतन रूप से नहीं मौका मिल जाता है। किसी चीज को एक लिए यह शर्त बनाई गई है। किसी वस्तु किया जाता हो, लेकिन हम हिस्सों को ही समग्रता की तरह देखो।
को पूरा देखो, उसे एक समग्र इकाई की देखते हैं। यदि मैं तुम्हें देखता हूं तो पहले इसका प्रयास करो। पहले किसी चीज तरह लो। और दूसरी शर्त है—“बिना मैं तुम्हारे चेहरे को देखता हूं, फिर तुम्हारे को एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक क्रमशः उसकी धातु के प्रकार को देखे।" यदि धड़ को, शरीर के मध्य भाग को देखता हूं देखो। फिर अचानक उस चीज को एक कटोरा लकड़ी का है तो लकड़ी को मत और तब तुम्हारे पूरे शरीर को देखता हूं। समग्रता की भांति देखो; बांटो मत। जब देखो-सीधे कटोरे को देखो, उसके
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