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________________ १८ श्री दशार्णभद्र चंपानगरी से विहार करके महावीर प्रभु दशार्ण नगर पधार रहे थे। वहाँ के राजा दशार्णभद्र को सायंकाल समाचार मिले कि, कल प्रातः वीर प्रभु मेरे नगर में पधारेंगे! सुनकर राजा बड़ा हर्षित हुआ। मेरी समृद्धि से भगवान का अपूर्व स्वागत करके वंदना करूंगा ऐसा सोचकर मंत्री वगैरह को आज्ञा दी, 'मेरे महल से समवसरण तक बड़ी समृद्धि से मार्ग सजाओ।' राजा की आज्ञानुसार कभी न सजाया हो ऐसे ढंग से नगरपति एवं मंत्रियों ने मार्ग सजाया। मार्ग में कुंकुंम जल छिड़का, भूमि पर सुंदर पुष्प बिछाये। जगह जगह सुवर्णस्तंभ खड़े करके तोरण बांध दिये। रत्नमय दर्पणों से शोभित मालाओं से स्तंभ सजाये गये। स्नान करके दिव्य वस्त्र, आभूषण, पुष्पमाला धारण करके उत्तम हाथी पर बैठकर राजा प्रभु की वंदना के लिए चल पडा। मस्तिष्क पर श्वेत छत्र था और दोनों ओर चँवर ढल रही थी। उनके पीछे सब सामंत और उनके बाद इन्द्राणी जैसी अंत:पुर की स्वरूपवान स्त्रीयाँ वगैरह चल रहे थे। प्रभु के समवसरण पहुँचकर तीन प्रदक्षिणा देकर प्रभु की वंदनापूजा की। अपनी समृद्धि से गर्वित राजा अपने योग्य आसन पर बैठा। अपनी समृद्धि का गर्व दशार्णपति को हुआ देखकर प्रतिबोधना देने के लिए इन्द्र महाराज ने एक अति रमणीय विमान जो जलयुक्त था - उसका विस्तार किया। स्फटिक मणि जैसे उसके निर्मल जल में सुंदर कमल खीले हुए दीख रहे थे। हंस और सारस पक्षियों का मधुर प्रतिनाद हो रहा था। देव वृक्ष और देव लताओं से झडते पुष्पों से विमान शोभित था। विमान से ऊतरकर इन्द्र महाराजा आठ दंतशूलों से शोभित ऐरावत हाथी पर बैउने गये। उस समय हाथी पर बैठी हुई देवांगनाओं ने हाथ का सहारा देकर उन्हें बिठाया। इन्द्र की असीम समृद्धि देखकर क्षणभर के लिए राजा स्तंभित हो गया और विस्मित नेत्रों से आँखे पसारकर सोचने लगा, 'अहो! यह इन्द्र का कैसा वैभव है? क्या सुंदर उसका ऐरावत हाथी है! कहाँ मेरा डबरा जैसा वैभव और कहाँ इन्द्र का समुद्र जैसा वैभव! मैंने बेकार ही समृद्धि का गर्व किया। धिक्कार है मुझे, मैंने झूठा गर्व करके मेरी आत्मा को मलिन किया। ऐसी भावना करते - जिन शासन के चमकते हीरे • ३२
SR No.002365
Book TitleJinshasan Ke Chamakte Hire
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVarjivandas Vadilal Shah, Mahendra H Jani
PublisherVarjivandas Vadilal Shah
Publication Year1997
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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