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पढ़ाई गई । शा. भेरूमलजी मूलचन्दजी की ओर से स्वामीवात्सल्य हुआ और संघपूजा भी हुई।
ज्येष्ठ (वैशाख) वद २ शुक्रवार दिनांक १५-५-८७ के दिन 'श्रीपार्श्व पद्मावती महापूजन' विधिपूर्वक पढ़ाया गया । श्रीमान् भेरूमलजी मूलचन्दजी के घर पर दोनों परमपूज्य आचार्य भगवन्त ने चतुविध संघ और बेन्ड समेत पगलां किये । ज्ञानपूजन एवं मंगलप्रवचन के बाद वहाँ पर प्रभावना हुई । शा. पूनमचन्द गोमाजी तथा शा. तेजराज नरसिंहजी दोनों के घर पर भी दोनों पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. प्रादिके पगलां हुए । प्रांते दोनों स्थल में प्रभावना भी हुई । जैनधर्मदिवाकर - राजस्थानदीपक-मरुधर देशोद्धारक परमपूज्यप्राचार्य गुरुभगवन्त श्रीमद्विजय सुशीलसूरीश्वर जी म.सा. आदि तखतगढ़ से विहार कर शाम को बलारगा गाँव पधार गये ।
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बलारणा से तृतीया के दिन विहार द्वारा पूज्यपाद आचार्य म.सा. आदि फालना - अम्बाजीनगर में पधारे ।
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फालना से पंचमी के दिन विहार द्वारा बाली में श्री मनमोहनपार्श्वनाथ जिनमन्दिर और श्रीविमलनाथ जिनमन्दिर में दर्शनादि करके तथा वयोवृद्धा साध्वी श्री भक्तिश्रीजी एवं साध्वी श्री ललितप्रभाश्रीजी आदि ( १८५ )
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