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• फागण सूद १२ शुक्रवार दिनांक १३-३-८७ के दिन जवाली से विहार द्वारा नादाणा तीर्थ के जिनमन्दिर में दर्शनादि करके रानीगाँव पधारते हुए पूज्यपाद आचार्य म. सा. आदि का स्वागत श्रीसंघ ने किया। परमपूज्य आचार्यदेव के और पूज्य मुनि श्री रविचन्द्र विजय जी म. रानीगाँव वाले के व्याख्यान का लाभ श्रीसंघ को मिला। प्रान्ते प्रभावना भी हुई।
रानी स्टेशन पर अष्टाहि नका महोत्सव
फागण सुद १४ शनिवार दिनांक १४-३-८७ के दिन रानीगाँव से रानी स्टेशन पर पधारते हुए मरुधरदेशोद्धारक परमपूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. आदि का बेन्ड युक्त स्वागत हुआ। जैन धर्मशाला में पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. का तथा पूज्य मुनिराज श्री जिनोत्तम विजयजी म. का प्रवचन होने के पश्चात् प्रभावना हुई। उसी दिन शा. सांकलचन्दजी नवलमलजी ढोलागाँव वाले की धर्मपत्नी अ. सौ. शान्ताबाई द्वारा की हुई ५०० पायम्बिल की पूर्णाहुति के उपलक्ष में शा. सांकलचन्दजी की ओर से कृत 'अष्टाहि नका-महोत्सव' का शुभारम्भ हुआ। प्रतिदिन
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