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विजय विबुधप्रभसूरिजी म. सा. आदि को उपस्थिति में श्री पार्श्वनाथ प्रभु की, श्री माणिभद्रजी की एवं चरणपादुका की मंगलप्रतिष्ठा हुई । श्रीमान् वर्द्धमानचन्दजी गोलिया की तरफ से श्री शान्तिस्नात्रपूजा तथा एक-एक रुपये की प्रभावना हुई । स्वामिवात्सल्य भी उन्हीं की ओर से हुआ । उसी दिन वहाँ से विहार द्वारा शाम को नेहरू पार्क के पास में श्रीमान् मोतीलालजी के बंगले में पूज्यपाद प्राचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. आदि पधारे। वहाँ पर भी संघपूजा हुई ।
( स्मरण रहे कि १९ वर्ष पूर्व पूज्यपाद आचार्य म. सा. ने जोधपुर नगर में यशस्वी चातुर्मास किया था । उसके बाद प्रथम बार जोधपुर पधारने से शासन प्रभावक कई आयोजन सम्पन हुए । )
( फागरण सुद बोज के दिन पाली नगर में स्वागत पूर्वक पधारे हुए परमपूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. के विद्वान् शिष्यरत्न सुमधुर प्रवचनकार पूज्य मुनिराज श्री जिनोत्तम विजयजी म. सा. आदि की शुभ निश्रा में श्री सम्मेदशिखरजी आदि तीर्थों का बस-यात्रासंघ निकालने वाले श्रीमान् गुलाबचन्दजी कोचर की ओर से 'श्रीसिद्धचक्र महापूजन' विधि
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