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नयरत्नविजयजी म. आदि विहार कर प्रतापनगर पधारे । वहाँ पर श्रीमान् मंगलचन्दजी गोलिया के घर पर पगलां किये और मांगलिक सुनाया। बाद में गुरों के तालाब के समीपवर्ती धर्मशाला में बेन्ड युक्त स्वागतपूर्वक पधारे । उसी दिन श्री पार्श्वनाथ जिनमन्दिर में चल रहे प्रतिष्ठा महोत्सव में नवग्रहादि पाटलापूजन, पूजा-प्रभावना तथा रात को भावना आदि का कार्यक्रम रहा। • फागण सुद २ रविवार दिनांक १-३-८७ के दिन परम पूज्य आचार्यदेव श्रीमद विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. आदि बेन्ड युक्त स्वागतपूर्वक प्रतापनगर में श्रीमान् जवाहरचन्दजी वोरा के बंगले पर पधारे। वहाँ पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. का तथा पूज्य मुनिराज श्री जयरत्नविजयजी म. का व्याख्यान होने के पश्चात् संघपूजा हुई। बाद में पूज्यपाद आ. म. श्री आदि धर्मशाला में पधार गये। उसी दिन अष्टादश अभिषेक, दण्ड-कलशाभिषेक तथा पूजा-प्रभावना तथा रात को भावना का एवं स्वामिवात्सल्य का भी कार्यक्रम रहा । • फागण सुद ३ सोमवार दिनांक २-३-८७ के दिन परमपूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. की शुभ निश्रा में एवं परमपूज्य आचार्य श्री
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