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पूर्वक शा. भीकमचन्दजी गढ़वाणी की ओर से हुआ। पैंतालीस पागम की पूजा तथा स्वामीवात्सल्य दोनों शा. कन्हैयालालजी रांका सेठ की तरफ से हुए। पूज्य श्री जिनोत्तम वि. म. का व्याख्यान हुआ। (महा सुद ११ के ही दिन पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद्विजयसुशीलसूरीश्वर जी म. सा. तथा पूज्य मुनिराज श्री शालिभद्र विजयजी म. प्रातः विहार द्वारा नीमाज गाँव पधारे। वहाँ पर श्रीसंघ ने बेन्ड युक्त स्वागत किया। पूज्यपाद आचार्य म. सा. के प्रवचन के बाद प्रभावना हुई। श्री आदिनाथ जिनमन्दिर अंगे श्रीसंघ को मार्गदर्शन दिया।) • महा सुद १२ मंगलवार दिनांक १०-२-८७ के दिन पूज्यपाद प्राचार्य महाराज सा. नीमाज से जैतारण पधार गये। दादावाड़ी में पूज्यपाद श्री का प्रवचन हुआ। जिनमन्दिर में अष्टादश अभिषेक विधि हुई। बारह व्रत की पूजा तथा स्वामीवात्सल्य दोनों शा. बसन्तराजजी खठोड़ की ओर से हुए। • महा सुद १३ बुधवार दिनांक ११-२-८७ के दिन देवीपूजन हुआ। रथ, इन्द्रध्वज. घोड़े, बेन्ड आदि युक्त जलयात्रा का भव्य जुलूस-वरघोड़ा निकला। मंगल प्रवचन हुआ तथा श्री महावीर भगवान सम्बन्धी प्रश्नमंच
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