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दिन पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. सपरिवार मुण्डारा से विहार कर मादा गाँव में पधारे। वहाँ पर मुण्डारा वाले एक सद्गृहस्थ की तरफ से जिनमन्दिर में पूजा पढ़ाई गई तथा स्वामीवात्सल्य भी हुआ। शाम को पूज्यश्री सपरिवार सादड़ी पधार गये। • महा (पौष) वद ३ रविवार दिनांक १८-१-८७ के दिन प्रातः विहार द्वारा प. पू. प्राचार्यदेव सपरिवार श्री राणकपुर-तीर्थ की यात्रा करके पुन: शाम को सादड़ी पधारे। • महा (पौष) वद ४ सोमवार दिनांक १६-१-८७ के दिन प्रात: सादड़ी से विहार द्वारा पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. सपरिवार राजपरा गाँव में पधारे। वहाँ पर सादड़ी से आये हुए सेठ श्री पाणंदजी कल्याणजी की पेढ़ी के मुनीम तथा अन्य सद्गृहस्थों को तीर्थप्रभावक परम पूज्य आचार्य म. सा. ने श्री शान्तिनाथ जिनमन्दिर के कार्य अंगे मार्गदर्शन किया। मध्याह्न के बाद वहाँ से विहार द्वारा पू.
आचार्य म. श्री आदि घाणेराव-कीत्तिस्तम्भ स्थल में शाम • तक पधार गये।
• महा (पौष) वद ५ मंगलवार दिनांक २०-१-८७ के दिन देसुरी पधारे।
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