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प्रयास करने की आवश्यकता नहीं। · क्या कमल को उखाड़ने के लिये ऐरावत हाथी की आवश्यकता पड़ती है ? नहीं। आप बैठिये, मैं अभी जाकर उस वादो को जीत कर लौटता हूँ।
श्रीइन्द्रभूति ने कहा-'हे सुज्ञ बन्धु अग्निभूति ! तुम तो क्या, मेरा एक छात्र-विद्यार्थी भी जाकर उसे जीत सकता है। परन्तु प्रवादी का नाम सुनकर मुझसे दूसरे सर्वज्ञ की उपस्थिति सहन नहीं हो रही है। उसे पराजित किये बिना. अब मुझसे रहा नहीं जाता। जैसे घाणी में तिल पेलते हुए कोई तिल रह जाय, घट्टी में अनाज दलते हुए कोई कण-दाना रह जाय, क्षेत्र में घास कापते हुए कोई तरणा रह जाय तथा सर्व जलाशयों और सागरों का पान करते हुए अगस्त्य ऋषि को कोई एक सरोवर भी रह जाय वैसे ही मेरे लिये भी विश्व के सर्व वादियों को जीतने पर यह वादी रह गया है। एक भी वादी यदि जीतना बाकी रह जाय तो वह समस्त वादियों को जीत चुका ऐसा नहीं कहलाता है। जैसे सती स्त्री सौ वर्ष शील का पालन करे, किन्तु एक बार भी शील का भंग करे तो वह असती ही कहलाती है। यदि यह एक भी जीतना बाकी रह जाय तो मेरा प्राप्त किया हुआ यश नष्ट हो जाय ।
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