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________________ में होता है कि अन्य स्वरूप में ?' इस विषय का संदेहसंशय अपने हृदय में था। (६) श्रीमण्डित-इनका जन्म मौर्य सन्निवेश गाँव में सिंह राशि और मघा नक्षत्र में हुआ था। इनके पिता का नाम धनदेव ब्राह्मण, माता का नाम विजयादेवी और गोत्र वासिष्ठ गोत्र था तथा ये अपने ३५० छात्रों के अध्यापक थे। इनके जीवन का शेष परिचय श्री इन्द्रभूति आदि की तरह जानना। इनको भी 'बन्ध-मोक्ष हैं कि नहीं ?' इस विषय का संदेह-संशय अपने अन्तःकरण में था। (७) श्रीमौर्यपुत्र-इनका जन्म मौर्य सन्निवेश गाँव में वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में हुआ था। इनके पिता का नाम मौर्य ब्राह्मण, माता का नाम विजयादेवी और गोत्र का नाम काश्यप गोत्र था तथा ये अपने ३५० छात्रों के अध्यापक थे। इनके जीवन का शेष परिचय श्री इन्द्रभूति आदि की मुताविक जानना। इनको भी 'देव है कि नहीं ?' इस विषय का संदेह-संशय अपने हृदय में था। (८) श्रीअकम्पित-इनका जन्म मिथिलानगरी में मकर राशि और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में हुआ था। पिता ( ६ )
SR No.002334
Book TitleGandharwad Kavyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram
Publication Year1987
Total Pages442
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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