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का नाम देवद्विज, माता का नाम जयन्तीदेवी और गोत्र गौतम था। ये अपने ३०० छात्रों के अध्यापक थे। इनके जीवन का शेष परिचय श्रीइन्द्रभूति आदि की माफिक जानना। इनको भी 'नारक है कि नहीं ?' इस विषय का संदेह-संशय अपने अन्तःकरण में था।
. (९) श्रीप्रचलभ्राता--इनका जन्म कोशला (अयोध्या) नगरी में, मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र में हुआ था। पिता का नाम वसुदेव द्विज, माता का नाम नन्दादेवी और गोत्र का नाम हारिय गोत्र था तथा ये अपने ३०० छात्रों के अध्यापक थे। इनके जीवन का शेष परिचय श्रीइन्द्रभूति प्रादि की मुताबिक जानना । इनको भी 'पुण्य-पाप है कि नहीं ?' इस विषय का संदेह-संशय अपने हृदय में था।
(१०) श्रीमेतार्य-इनका जन्म वच्छदेशान्तर्गत तुंगिक नामक गाँव में, मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में हुआ था। पिता का नाम दत्त ब्राह्मण, माता का नाम वरुणादेवी और गोत्र का नाम कौडिन्य गोत्र था। ये अपने ३०० छात्रों के अध्यापक थे। इनके जीवन का शेष परिचय श्रोइन्द्रभूति आदि की माफिक जानना ।