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* मुख्य ग्यारह ब्राह्मण पण्डित
सर्वज्ञ विभु श्री महावीर परमात्मा के होने वाले ग्यारह गणधर इधर यज्ञ-मण्डप में मुख्य रूप में ब्राह्मण पण्डित थे। उनके नाम इस प्रकार हैं
(१) श्री इन्द्रभूति, (२) श्री अग्निभूति, (३) श्री वायुभूति, (४) श्री व्यक्त, (५) श्री सुधर्मा, (६) श्री मण्डित, (७) श्री मौर्यपुत्र, (८) श्री अकम्पित, (६) श्री अचलभ्राता, (१०) श्री मेतार्य एवं (११) श्री प्रभास । इन ग्यारह में से प्रत्येक पण्डित अपने आप को महान् समर्थ पण्डित मानता था। विश्व में 'सर्वज्ञोऽहम्' इस तरह अभिमान धारण करते हुए भी प्रत्येक को भिन्नभिन्न तत्त्व-पदार्थ पर सन्देह था।
इन ग्यारह ब्राह्मण पण्डितों में किस-किस को किसकिस विषय में सन्देह था, वह क्रमशः उनके संक्षिप्त परिचय के साथ में नीचे बताते हैं
(१) श्री इन्द्रभूति-इनका जन्म मगध देश के गोबर गाँव में ज्येष्ठा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में हुआ था।