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________________ 卐 लेखक ॥ शासनसम्राट - सूरिचऋचक्रवत्ति-तपोगच्छाधिपतिश्रीकदम्बगिरि आदि अनेक तीर्थोद्धारक-परमपूज्याचार्यमहाराजाधिराज श्रीमद्विजयनेमिसूरीश्वरजी म. सा. के पट्टालंकार - साहित्यसम्राट - व्याकरणवाचस्पति - शास्त्रविशारद-कविरत्न-परमपूज्याचार्यप्रवर श्रीमद्विजयलावण्यसूरीश्वरजी म. सा. के पट्टधर-धर्मप्रभावक-शास्त्रविशारदकविदिवाकर - व्याकरणरत्न - परमपूज्याचार्यवर्य श्रीमद् विजयदक्षसूरीश्वरजी म. सा. के पट्टधर-जैनधर्मदिवाकरराजस्थानदीपक - मरुधरदेशोद्धारक - शास्त्रविशारद-प्राचार्य श्रीमद् विजयसुशीलसूरि । श्रीवीर संवत् २५१३ विक्रम संवत् २०४३ नेमि संवत् ३८ पौष सुद १५ स्थलगुरुवार, श्री शान्तिनाथ दिनांक १५-१-८७ ॐ जैन देवस्थान (मुण्डारा गाँव में श्रीउपधान- + पेढ़ी। तप आराधना के माला- .. (जैन उपाश्रय) महोत्सव का अन्तिम दिन) " मुण्डारा, राजस्थान ॥ शुभं भवतु श्रीसंघस्य ॥ 595
SR No.002334
Book TitleGandharwad Kavyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram
Publication Year1987
Total Pages442
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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