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उपसंहार
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इस अवसर्पिणी काल के चौबीसवें तीर्थंकर श्रमण भगवान महावीर परमात्मा के श्रुतकेवली श्री इन्द्रभूति (श्री गौतम स्वामीजी) आदि ग्यारह गणधर भगवन्तों की अति संक्षिप्त आलेखन की हुई यह 'श्री गणधर जीवनतालिका' लक्ष्य में लेकर तथा रहस्य को विचार कर ऐसे महान् तेजस्वी और महान् प्रभावशाली महापुरुषों द्वारा आचरित परमपवित्र पन्थ में चलकर, अहिंसा-संयम-तपमय सर्वोत्कृष्ट आदर्श जीवन बना कर, सकल कर्मों का सर्वथा क्षय-विनाश कर भव्यात्मा भव्यजीव अव्याबाध अविचल ऐसे मोक्ष के शाश्वत सुखों को शीघ्र प्राप्त करें; यही हार्दिक शुभ भावना।
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