________________
५. गोत्र
६. जन्मभूमि
७. जन्मराशि
८. जन्मनक्षत्र
8. देह का वर्ण
और रूप
१०. प्राकृति
११. ऊँचाई
१२. संघयरण
१३. संस्थान
१४. व्यवसाय
१५. ज्ञान
१६. ज्ञान का
अभिमान
१७. संशय
: कौडिन्य गोत्र |
: वच्छदेशान्तर्गत तुंगिक गाँव ।
: मेष राशि ।
: अश्विनी नक्षत्र ।
: स्वर्ण (सोना) के समान वर्ण और
रूप आहारक देहरूप से भी अधिक । : महान् तेजस्वी, महान् प्रभावशाली ।
: सात हाथ ।
: वज्रऋषभ नाराच संघयरण ।
: समचतुरस्र संस्थान |
: अध्यापन कार्य एवं अनुष्ठान क्रिया । : गृहस्थावस्था में चौदह विद्या के पारगामी तथा दीक्षावस्था में सम्यग्मतिज्ञानादि चार ज्ञान के बाद पंचम केवलज्ञान ।
: गृहस्थावस्था में 'सर्वज्ञोऽहम्' अर्थात् 'मैं सर्वज्ञ हूँ' ऐसा अभिमान था ।
: 'क्या परलोक है ?' अर्थात् 'परलोक है कि नहीं ? यह संशय था ।
( ९४ )