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________________ २०. दीक्षा : ४६ वें वर्ष के प्रारम्भ में अपने ३०० शिष्यों के साथ अपापापुरी के महसेन वन में श्रमण भगवान महावीर परमात्मा से ग्रहण की। २१. दीक्षातिथि : वैशाख सुदी (११) ग्यारस । (उसी दिन श्रमण भगवान महावीर परमात्मा के आठवें शिष्य बने और प्रभु से 'उवन्नेइ वा- विगमेइ वा-धुवेइ वा' रूप त्रिपदी सुन कर आठवें गणधर हुए।) २२ दीक्षा गुरु : सर्वज्ञ विभु श्रमण भगवान महावीर परमात्मा । २३. दीक्षा के दिन : श्रीइन्द्रभूति तथा श्रीअग्निभूति आदि गुरुबन्धु १० हुए। २४. दीक्षा के दिन : सहदीक्षित ३०० शिष्य । शिष्य-परिवार २५. दीक्षा पर्याय : ३० वर्ष । (काल) २६. छद्मस्थ पर्याय : ६ वर्ष । ( ८७ )
SR No.002334
Book TitleGandharwad Kavyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram
Publication Year1987
Total Pages442
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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