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१०. आकृति : महान् तेजस्वी, महान् प्रभावशाली। ११. ऊँचाई : सात हाथ । १२. संघयण : वज्रऋषभ नाराच संघयण । १३. संस्थान : समचतुरस्र संस्थान । १४. व्यवसाय : अध्यापन कार्य एवं अनुष्ठान क्रिया
आदि । १५. ज्ञान : गृहस्थावस्था में चौदह विद्या के
पारगामी तथा दीक्षावस्था में सम्यग्मतिज्ञानादि चार ज्ञान के बाद पंचम
केवलज्ञान। १६. ज्ञान का : गृहस्थावस्था में 'सर्वज्ञोऽहम्' अर्थात्
अभिमान 'मैं सर्वज्ञ हूँ' ऐसा अभिमान था। १७. संशय : अपने अन्तःकरण में 'नारक है
क्या ?' अर्थात् 'नारक है कि नहीं?'
यह संशय था। १८. शिष्यगण : ३०० । १६. गृहस्थावस्था : ४८ वर्ष तक संसार में अर्थात्
गृहस्थावस्था में रहे।
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