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________________ Ans......... श्री शान्तिनाथ भगवान-ईडरगढ़ श्री चन्द्रप्रभ भगवान की देरी है । यहाँ से 3 कि. मी. दूर हाईवे पर पावापुरी नूतन मन्दिर व 8 कि. मी. हाईवे पर शत्रुजय धाम नूतन मन्दिर निमित हुवे हैं । कला और सौन्दर्य 8 यहाँ की प्राचीन कला यहाँ उपलब्ध ध्वंसावशेषों में लुप्त है । इस मन्दिर से शोटी दर रणमल की चौकी नाम का प्राचीन मन्दिर है, जो खण्डहर हालत में पड़ा है । मन्दिर में प्रतिमाजी नहीं है । इस मन्दिर में कुछ प्राचीन कला नजर आती लगभग 2 कि. मी. पर तारंगा रास्ते होकर जायेगा व हाई वे से लगभग एक कि. मी. होगा । यह स्थान अहमदाबाद-अम्बाजी सड़क मार्ग पर है। अहमदाबाद से 100 कि. मी. खेड़ब्रह्मा से 20 कि. मी. व कुम्भारियाजी से 65 कि. मी. दूर है । सविधाएँ ठहरने के लिए ईडर गाँव में धर्मशाला हैं, जहाँ बिजली, पानी, बर्तन व भोजनशाला की सुविधा है । पहाड़ पर भी सर्वसविधायक्त धर्मशाला व भोजनशाला की सुविधा उपलब्ध है । पेढ़ी शेठ आनन्दजी मंगलजीनी पेढ़ी, कोठारी वाडा. गोडीजी जैन देरासर के पास पोस्ट : ईडर - 383 430. जिला : साबरकांठा, प्रान्त : गुजरात, फोन : 02778-50080, पहाड़ पर 50442. मार्ग दर्शन 8 अहमदाबाद-खेड़ब्रझा मार्ग में ईडर रेलवे स्टेशन है। टेक्सी व आटो की सुविधा उपलब्ध है। तलहटी तक कार व बस जा सकती है । रेलवे स्टेशन व ईडर गाँव से तलहटी एक कि. मी. व तलहटी से पहाड़ की चढ़ाई 1 1/2 कि. मी. है । 600 पगथीये बने हुए हैं । पगथीयों के दोनों तरफ लाईट है । पहाड़ के मन्दिर तक बस व कार द्वारा जाने हेतु सड़क निर्माण का कार्य चालु है, जो अम्बाजी हाईवे में 525
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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