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विशिष्टता इस प्रभु-प्रतिमा के धातुमयी परिकर में भूत, वर्तमान व भविष्य के चौबीस तीर्थंकरों के यानी 72 प्रतिमाओं के दर्शन होते हैं, यह यहाँ की मुख्य विशेषता है । ऐसे परिकरयुक्त प्रतिमा के दर्शन अत्यन्त दुर्लभ हैं। प्रभु का पबासण भी धातु से निर्मित है, जिसमें 14 स्वप्न, 9 ग्रह, अष्ट मंगल व यक्ष-यक्षिणियों के दर्शन होते हैं।
डुंगरपुर के राजा गोपीनाथ व सोमदास के मुख्य मंत्री ओशवाल वंशीय पराक्रमी शेठ शालाशाह यहीं के थे, जिन्होंने उपद्रवी भीलों को हराकर विजय पताका फहराई थी । शेठ शालाशाह पराक्रमी, शूरवीर व धर्मवीर थे । उन्होंने श्री गंभीरा पार्श्वनाथ भगवान का भव्य शिखरोंयुक्त मन्दिर वि. सं. 1312 में बनवाया था, जो यहाँ के जूने घाटी मोहल्ले में स्थित है । जो यहाँ की प्राचीनता प्रमाणित करता हैं । शेठ शालाशाह के समय यह एक विराट नगरी थी व लगभग 700 जैन श्रावकों के घर थे ।
अन्य मन्दिर वर्तमान में इस मन्दिर के अतिरिक्त 6 और मन्दिर हैं ।
कला और सौन्दर्य प्रभु प्रतिमा के धातुमय
श्री आदिनाथ भगवान मन्दिर-डुगरपुर
परिकर व पबासण की कला अपना विशेष स्थान रखती हैं । इस प्रकार के प्राचीन कलात्मक धातुमयी परिकर व पबासण के दर्शन अत्यन्त दुर्लभ हैं । इसी मन्दिर में श्री शान्तिनाथ भगवान की 33 सें. मी. स्फटिक की प्रतिमा व राजा सप्रंतिकाल के पंच धातु से निर्मित 34 जिन बिंब दर्शनीय हैं ।
मार्ग दर्शन के केशरियाजी तीर्थ से यह स्थल लगभग 42 कि मी. दूर है । अहमदाबाद-उदयपुर सड़क मार्ग में बीछीवाड़ा से 24 कि. मी. दूर है, जहाँ से टेक्सी, बस की सुविधा उपलब्ध है । यहाँ का रेल्वे स्टेशन डुंगरपुर लगभग 2 कि. मी. दूर है । बस स्टेण्ड एक कि. मी. दूर है ।
सुविधाएँॐ ठहरने के लिए धर्मशाला है, जहाँ पानी बिजली का साधन है । पूर्व सूचना पर भोजन की व्यवस्था भी हो सकती है ।
पेढ़ी ॐ श्री आदिनाथ भगवान जैन श्वेताम्बर मन्दिर पेढ़ी, माणक चौक । पोस्ट : डुंगरपुर - 314 001. जिला : डुंगरपुर, प्रान्त : राजस्थान, फोन : 02964-33186,33259 पी.पी.
श्री शान्तिनाथ भगवान-डुंगरपुर
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