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श्री शान्तिनाथ भगवान-चित्रकूट
का । बावन देवकुलिकाओं से आवृत्त इस मन्दिर का स्थान 'सत्ताईस देवरी' के नाम से पहिचाना जाता है । इसका अर्थ यह किया जाता है कि किसी समय इस जगह पर छोटे-बड़े, 27 मन्दिर बने होंगे । इस मन्दिर के अहाते में भगवान श्री पार्श्वनाथ के दो मन्दिर हैं ।
किले के अन्दर रामपोल में एक ही अहाते में भगवान श्री महावीरस्वामी व भगवान श्री शान्तिनाथ के मन्दिर है । श्री शान्तिनाथ भगवान का मन्दिर छोटा होते हुए भी उच्च कोटि की कला से समृद्ध है । इसे ही 'शृंगार चौरी' कहते हैं ।
गौमुखीकुंड के पास श्री पार्श्वनाथ भगवान का चौमुखजी मन्दिर हैं ।
विशिष्टता 8 चित्तौड़ का किला पूरे भारत में विख्यात है । तभी तो कहा जाता है, 'गढ़ तो चित्तौड़ गढ़ और सब गढैया है ।" यह सूरमाओं की भूमि है। यहाँ पर अनेकों शूरवीर जैन मंत्री व राजा हुए, जिन्होंने समय समय पर धर्मोत्थान के अनेकों कार्य किये ।
चौदहवीं शताब्दी में निर्मित कलात्मक जैन कीर्तिस्तंभ आज भी अपनी शान से खड़ा है व किले पर जैन । इतिहास के गौरवगाथा की याद दिलाता है ।
वि. सं. 1587 में शत्रुजय का सोलहवाँ उद्धार कराने वाले श्रेष्ठी श्री कर्माशाह यहीं के निवासी थे । महाराणा प्रताप के खजाँची दानवीर श्री भामाशाह का महल भी यहीं था ।
अन्य मन्दिर इसके अतिरिक्त किले में पाँच जिन मन्दिर हैं, जिनका वर्णन प्राचीनता में दे चुके हैं। किले में मीराबाई का मन्दिर तथा समिधेश्वर का मन्दिर भी दर्शनीय हैं । किले के नीचे गाँव के प्रवेशद्धार के पास श्री हरीभद्रसूरीश्वरजी का स्मृतिमन्दिर
की कला अति दर्शनीय है । श्री शान्तिनाथ भगवान की प्रतिमा भी अति ही सुन्दर है । ऐसे तो हरेक मन्दिर की कला भी मेवाड़-देलवाड़ा, कुंभारिया आदि के शिल्प से मुकाबला करती हैं । यहाँ अनेकों प्राचीन तालाब, कुन्ड, भग्न महल व इमारतें दिखायी देती हैं। मीराबाई के भव्य विशाल मन्दिर में कहीं कहीं जिनप्रतिमाओं के दर्शन होते हैं । जैन कीर्तिस्तंभ की कला व जोड़नी देखने योग्य हैं ।
मार्ग दर्शन ® यहाँ का रेल्वे स्टेशन चितौडगढ़ जंक्शन जो अजमेर-खण्डवा लाईन में है । चितौड़गढ़ स्टेशन के सामने ही ठहरने हेतु धर्मशाला है। किले पर के मन्दिर स्टेशन से लगभग 7 कि. मी. दूर है । मन्दिर तक पक्की सड़क है । बस व कार मन्दिर तक जा सकती है ।
सुविधाएँ * चितौडगढ़ जंक्शन रेल्वे स्टेशन के सामने सर्वसुविधायुक्त नवीन धर्मशाला है, जहाँ भोजनशाला की भी सुविधा है किले पर मन्दिर के निकट भी धर्मशाला है, जहाँ बिजली पानी की सुविधा है ।
पेढ़ी ॐ श्री सताबीस देवरी जैन श्वेताम्बर मन्दिर ट्रस्ट, जैन धर्मशाला, रेल्वे स्टेशन रोड़, पोस्ट : चितौड़गढ़ - 312 001. प्रान्त : राजस्थान, फोन : 01472-41971 (पढ़ी आफिस)
01472-42162 (किला आफिस)।
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__ कला और सौन्दर्य * पहाड़ी पर स्थित इस किले से नीचे का दृश्य अति ही मनोरम प्रतीत होता है । पहाड़ के ऊपर समतल में इतना लम्बा-चौड़ा विशाल किला भारत में यह एक ही है । यहाँ प्राचीन जिनमन्दिरों के खण्डहर व कलात्मक अवशेष जगह-जगह दिखायी देते हैं। वि.सं. 1505 में जीर्णोद्धार हुए श्री शान्तिनाथ भगवान के मन्दिर (जिसे शृंगारचौरी कहते है)
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