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श्री चंवलेश्वर तीर्थ
तीर्थाधिराज श्री चंवलेश्वर पार्श्वनाथ भगवान, पद्मासनस्थ ।
तीर्थ स्थल मेवाड देशांतर्गत भीलवाडा जिले में बनास नदी के तटपर विध्वंश हुवे मिणाय नगर के पारोली गांव से लगभग 6 कि. मी. दूर कालीघाटी पर्वतीय भाग में चेनपुरा गांव के निकट लगभग 1000-1200 फुट ऊंचे रमणीय पहाड़ की चोटी पर।
प्राचीनता 8 इस तीर्थ की प्राचीनता लगभग सात सौ वर्ष पूर्व की मानी जाती है । कहा जाता है किसी समय बनास नदी के तटपर बसे मिणाय नगर का क्षेत्र लगभग पांच-छ: सो मील तक फैला हुवा समृद्ध जहोजलाली पूर्ण था । यहाँ के स्वतंत्र राजा की राजधानी मिणाय थी । प्रायः देखा जाता है जहाँ भी राजाओं ने अपना राज्य बसाया उन्हें समृद्धिशाली जैन श्रावकों का साथ रहा । उसी भांति संभवतः यहाँ पर भी अवश्य रहा होगा व कई जैन श्रावक यहाँ बसे होंगे। पुण्यवान श्रावकों द्वारा जगह-जगह सार्वजानिक व धार्मिक कार्यों में भाग लेने व मन्दिरों के निर्माण करवाने का उल्लेख आता है । उसी भांति दन्तकथानुसार कहा जाता है कि यहाँ के श्री नाथू काबड़िया के पुण्योदय से यहाँ पधारे एक जैन यतिवर्य की कृपा
उनपर हुई । जिसके फलस्वरुप वे प्रतिष्ठा सम्पन्न बने। इनके द्वारा संभवतः किये सार्वजनिक व धार्मिक कार्यों में यहाँ पर अतीव सुन्दर, सुट्टढ़ व गहरी वाव के बनाने का कार्य अतीव प्रशंसनीय है जो आज भी उनके गौरव गाथा की याद दिलाती है व कावडिया-नाथूशाह वाव, दुर्ग-मिणाय वाव आदि नामों से आज भी प्रचलित है । इस वाव की प्राचीनता लगभग सात सौ वर्ष की मानी जाती है । दन्त कथानुसार यह भी कहा जाता है कि श्रेष्ठी श्री नाथू ने वाव बनवाने के पूर्व ही यहाँ श्री चंवलेश्वर पार्श्वनाथ भगवान के मन्दिर का निर्माण करवा दिया था । पर्वत पर अवस्थित दुर्ग-खण्डहर, मिणाय तालाब आदि भी यहाँ की प्राचीनता व भव्यता की याद दिलाते है । उक्त विवरणों से यहाँ की प्राचीनता स्वतः सिद्ध होती है । प्रायः सभी तीर्थों पर समय-समय पर जीर्णोद्धार होने का उल्लेख आता है । यहाँ पर जीर्णोद्धार का कार्य कम हुवा नजर आता है । मुनिश्री खुशालविजयजी ने सं. 1811 में श्री पार्श्वनाथ नाम माला तीर्थावली बनाई जिसमें श्री चंवलेश्वर पार्श्वनाथ नाम का उल्लेख है । __वर्तमान में इस तीर्थ पर श्वे. व दि. दोनों समुदाय अपनी-अपनी मान्यतानुसार पूजा-पाठ में भाग लेते है। इस मन्दिर का जीर्णोद्धार व प्रतिमा का विलेपन इस मान्दर शीध्र होना अतीव आवश्यक है । विशिष्टता यह प्रभाविक प्रतिमा बालु की बनी
श्री चंवलेश्वर पार्श्वनाथ मन्दिर-चंवलेश्वर
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