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विशिष्टता श्री पार्श्वप्रभु के देहप्रमाण नव हाथ ऊँची (13% फुट) व हरीत वर्ण (मूलवण) में मरकतमणी सी प्रतीत होती यह भव्य चमत्कारिक प्रभु के समयकालीन मानी जाने वाली प्राचीन प्रतिमा अद्वितीय है, जो यहाँ की मुख्य विशेषता है । यह प्रतिमा जब सन्यासी बाबा की देखभाल में थी, तब भी चमत्कारिक घटनाओं के कारण स्थानीय लोग आकर्षित होकर दर्शनार्थ आते रहते थे । उसके पश्चात् भी अनेकों प्रकार की चमत्कारिक घटनाएं समय-समय पर घटने का उल्लेख है । अभी भी चमकारिक घटनाएं घटती रहती हैं । यहाँ के अधिष्ठायक प्रत्यक्ष हैं ।।
अन्य मन्दिर वर्तमान में इसके अतिरिक्त बाहरी भाग में एक दादावाड़ी व दो गुरु मन्दिर हैं । ___कला और सौन्दर्य * प्रभु प्रतिमा की कला अति ही मनोहर बेजोड़ है । आजू बाजू में कायोत्सर्ग मुद्रा में लगभग 135 सें. मी. ऊँची श्री शान्तिनाथ भगवान व श्री महावीर भगवान की प्रतिमाएँ हैं । मन्दिर की अन्य देरियों व गोखलों में विराजित प्रभु की व देव-देवियों की प्रतिमाएं व पट्ट आदि भी अति सुन्दर व दर्शनीय है ।
मार्ग दर्शन 8 यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन विक्रमगढ़ आलोट 8 कि. मी. व चौमहला 15 कि. मी. दिल्ली-मुम्बई लाईन पर है । यहाँ से नागदा 60 कि. मी. व रतलाम 90 कि. मी. दूर है । सभी जगहों पर टेक्सी आदि का साधन है । पूर्व सूचना देने पर पेढ़ी द्वारा भी वाहन व्यवस्था उपलब्ध हो सकती है ।
सुविधाएँ ® ठहरने के लिए मन्दिर के पास 300 कमरों की सर्वसुविधायुक्त धर्मशालाएँ है । विशाल भोजनशाला की सुविधा भी उपलब्ध है ।
पेढ़ी श्री जैन श्वेताम्बर नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ पेढ़ी, पोस्ट : उन्हेंल - 326515. स्टेशन : चौमहला, जिला : झालावाड़, प्रान्त : राजस्थान, फोन : 07410-40711, 40715 फेक्स : 07410-40716.
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MANOSAUR
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श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ भगवान-नागेश्वर
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