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मन्दिर प्राचीनतम माना जाता है । परन्तु मन्दिर का निर्माण कब व किसने करवाया उसका पता नहीं । किन्तु मूलनायक प्रतिमाजी पर उत्कीर्ण लेख के अनुसार
ओसवाल ज्ञातीय भंडारी भानाजी के पुत्र नारायण तत्पूत्र ताराचन्द ने यह प्रतिमा भरवाकर सं. 1723 माघ वदी अष्टमी के दिन महाराजा जसवंतसिंहजी, कुंवरपृथ्वीसिंह, मघराज विजयराज्य काल में वृहद खरतरगच्छ के देवसूरिजी की परम्परा में लब्धि कुशलसूरिजी के आदेश से उपाध्याय कीर्ति वर्धनजी की निश्रा में प्रतिष्ठिा करवाई । संभवतः उस समय मन्दिर का जीर्णोद्धार होकर पुनः प्रतिष्ठा हुई हो ।
विशिष्टता * यहाँ का इतिहास प्राचीनता के साथ अत्यन्त गौरवपूर्ण है ।
यह पडिहार वंशीय जैन धर्म के उपासक राजाओं की राजधानी रही व उनके द्वारा मन्दिर निर्माण के सिवाय अनेकों प्रकार के धर्मप्रभावना व जन कल्याण के कार्य किये जाने का उल्लेख है । पडिहार वंशीय राजा कक्कुक नाहडराय ने अन्य स्थानों पर भी मन्दिरों का निर्माण करवाया था । राजा नाहडराय धर्मिष्ठ व दयालु
तो थे ही, साथ में विद्वान भी थे । ____ जोधपुर के नरेश राव जोधाजी ने वि. सं. 1515 में यहीं से जाकर जोधपुर बसाया था जो आज भारत में एक मुख्य व प्रसिद्ध शहरों में है । जोधपुर शहर के प्रथम दिवान बनने का सौभाग्य भी इसी मांडव्यपुर के एक जैन श्रावक को प्राप्त हुआ था । __ अन्य मन्दिर ® वर्तमान में इसके निकट तीन
और मन्दिर व एक दादावाड़ी है । निकटतम शहर जोधपुर में 27 मन्दिर व 5 दादावाड़ी है ।
कला और सौन्दर्य यह प्राचीन क्षेत्र रहने के कारण प्राचीन कलात्मक भग्नावशेष इधर-उधर कुछ नजर आते हैं । मन्दिर में कोई खास प्राचीन कला के नमूने नहीं हैं । किले में प्राचीन कलात्मक अवशेष नजर आते हैं ।
मार्ग दर्शन * यहाँ का मंडोर रेल्वे स्टेशन मन्दिर से 1/2/2कि.मी. व जोधपुर रेल्वे स्टेशन 9 कि.मी. दूर है । जहाँ पर टेक्सी व आटो की सुविधा है। मन्दिर तक कार व बस जा सकती है । नजदीक का हवाई अड्डा जोधपुर है । यहाँ से पाली लगभग 75 कि. मी. अजमेर 230 कि. मी., फलोदी पार्श्वनाथ
श्री पार्श्वनाथ भगवान-मांडव्यपुर 105 कि. मी., बीकानेर 270 कि. मी. अहमदाबाद 455 कि. मी. फलोदी 120 कि. मी. व जैसलमेर 275 कि. मी. दूर है । हर जगह सभी तरह की सवारी का साधन हैं ।
ठहरने के लिये यहाँ पर निकट में ही सिंह सभा दादावाड़ी व जोधपुर में भेरुबाग मन्दिर, सरदारपुरा-दसवीं रोड़ दादवाड़ी में सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला है, जहाँ भोजनशाला की भी सुविधा है ।
पेढ़ी * श्री पार्श्वनाथ जैन श्वे. मन्दिर, बगीचे के मुख्य द्वार के पास ।। पोस्ट : मंडोर - 342 304. जिला : जोधपुर (राज.), प्रबंध समिती : श्री जैन श्वे. खरतरगच्छ संघ, कुशल भवन, आहोर की हवेली के पास, जोधपुर - 342 301. फोन : 0291-626242.
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