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करवाना । धाँधल सेठ ने यह वृत्तान्त अपने ईष्ट मित्र श्री शिवंकर से कहा । दोनों मित्र अत्यन्त प्रसन्न हुए। स्वप्नानुसार यह भव्य चमत्कारिक प्रतिमा प्राप्त हुई। मन्दिर-निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया गया । अर्थाभाव से कार्य को कुछ रोकना पड़ा । दोनों मित्र व्याकुल थे। अधिष्ठायक देव ने फिर स्वप्न में प्रकट होकर कहा कि हमेशा प्रातः प्रभु के सम्मुख स्वर्ण मुद्राओं से स्वस्तिक किया हुआ मिलेगा उससे कार्य पूर्ति कर लेना । लेकिन यह बात किसीको मालूम नहीं पड़ने देना । पुनः मन्दिर निर्माण का कार्य प्रारम्भ हुआ । पाँच मण्ड़प भी बनकर तैयार हो गये । एक दिन सेठ के लड़के ने यह अनोखा दृश्य छिपकर देख लिया । उस दिन से स्वर्ण मुद्राएँ मिलनी बन्द हो गयी, जिससे मन्दिर कुछ अपूर्ण अवस्था में रह गया । वि. सं. 1181 में जब आचार्य श्री धर्मघोषसूरीश्वरजी पधारे तब श्रीसंघ को उपदेश देकर कार्य को पूर्ण करवाकर प्रतिष्ठा करवायी । सुलतान शाहबुद्दीन ने आक्रमण के समय इस मन्दिर पर प्रहार किया, जिससे प्रतिमा भी कुछ खण्डित हो गई । परन्तु दैविक शक्ति से वह बीमार पड़कर बहुत ही दुःख का अनुभव करने लगा। इस मन्दिर को अखण्डित रखने का अपनी सेना को आदेश दिया । इसलिए मन्दिर व प्रतिमा को ज्यादा क्षति नहीं पहुँची व वही प्रतिमा पुनः स्थापित की गयी । यहाँ के अधिष्ठायक देव जागरूक व चमत्कारी हैं । प्रतिवर्ष आसोज कृष्णा दशमी व पोष कृष्णादशमी को मेले भरते हैं । उन पावन अवसरों पर जगह-जगह से हजारों नर-नारियाँ आकर प्रभु भक्ति का लाभ लेते हैं। चमत्कारिक घटनाएँ अभी भी घटने के वृत्तान्त सुनने में आते रहते हैं ।
अन्य मन्दिर वर्तमान में इस मन्दिर के पास ही एक मन्दिर, और एक दादावाड़ी हैं । __ कला और सौन्दर्य प्राचीन प्रभु-प्रतिमा अति ही सुन्दर, चमत्कारी व साक्षात् है । भावपूर्वक वन्दन मात्र से आकांक्षाएँ पूर्ण होती हैं । यहाँ पार्श्वनाथ भगवान व महावीर भगवान के भवपट्ट व अन्य पट्ट कलात्मक ढंग से बनाये हुए हैं ।
मार्ग दर्शन यहाँ से नजदीक का स्टेशन मेड़ता रोड़ जंक्शन 1/4 कि. मी. दूर है । स्टेशन पर सवारी का साधन उपलब्ध है । मेड़ता सिटी यहाँ से लगभग
श्री फलवृद्धि पार्श्वनाथ भगवान-मेड़ता रोड़
15 कि. मी. दूर है । जोधपुर, मेड़ता सिटी व नागौर से सीधी बसें मिलती है । मन्दिर तक पक्की सड़क है, कार व बस आखिर तक जा सकती है । यहाँ के लिए दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, पंजाब, जम्मू, मुम्बई, अहमदाबाद व कलकत्ता से रेल व्यवस्था है ।
1 ठहरने के लिए मन्दिर के अहाते में ही सर्वसुविधायुक्त विशाल धर्मशाला है, जहाँ पर भोजनशाला सहित सारी सुविधाएँ उपलब्ध हैं ।
पेढ़ी * श्री फलवृद्धि पार्श्वनाथ तीर्थ ट्रस्ट, पोस्ट : मेड़ता रोड़ - 341511. जिला : नागौर, प्रान्त : राजस्थान, फोन : 01591-52426,76226.
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