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________________ प्रभु प्रतिमा भी प्राचीन अत्यन्त, चमत्कारिक बादामी वर्ण में शिखरबंध मन्दिर में विराजित अतीव सुन्दर व शोभायमान है । मन्दिर में कुल आठ प्राचीन प्रतिमाएँ विराजमान है जो दर्शनीय हैं । निकट के मन्दिर में विराजित श्री महावीर प्रभु की प्रतिमा भी प्राचीन, कलात्मक व मनमोहक है । मार्ग दर्शन यहाँ का रेल्वे स्टेशन मांडलगढ़ है । जो मन्दिर से लगभग 212 कि. मी. दूर है । मांडलगढ़, आगराफोर्ट- नीमच बड़ीलाहन पर स्थित है । किले में मन्दिर तक सड़क है । जहाँ तक जीप, आटो व कार जा सकती है । बस स्टेण्ड लगभग 2 कि. मी. दूर है। गांव में आटो व टेक्सी का साधन है। नजदीक का हवाई अड्डा जयपुर 260 कि. मी. व उदयपुर 225 कि. मी. है । सुविधाएँ ठहरने के लिये जैन उपाश्रय हैं, जहाँ ओढ़ने-बिछाने के वस्त्र व बिजली, पानी की सुविधा है। भोजनशाला वर्तमान में नहीं है । पेढ़ी शेठ आनन्दजी मंगलजी की पेढ़ी, श्री आदिनाथ भगवान जैन श्वे. मन्दिर, पोस्ट : किला-मांडलगढ़ - 311604. जिला भीलवाड़ा ( राजस्थान), फोन : 01489-30169 (पढ़ी) प्राचीन मन्दिर दृश्य-मांडलगढ़ श्री महावीर स्वामी-मांडलगढ़ 263
SR No.002331
Book TitleTirth Darshan Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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