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प्राचीन प्रतिमा की प्रतिष्ठा वि. सं. 1936 माघ शुक्ला दशमी को कलिकाल कल्पतरु आचार्य श्रीमद् विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के कर कमलों से सम्पन्न हुई थी । उसके लगभग एक माह पश्चात् चैत्र कृष्णा एकम को रात्री में चौथे प्रहर की चौथी घड़ी में आकाश वाणी हुई कि "श्री गोड़ी पार्श्वनाथ तुष्टमान हुवे हैं । पंचतीर्थ बावन जिनालय का निर्माण करावें । राजेन्द्रसुरि अंजनशलाका करेंगे । मरुधर में प्रतिष्ठित तीर्थ होगा। कृष्ण पक्ष होने पर भी अद्भुत प्रकाश बरस रहा था। सेवक आदि जाग पडे । उन्होंने आकाश में दुंदुभी का स्वर सुना, चारों और कुंकुम के चरण चिन्ह देखे और पंचवर्णी पुष्प वर्षा देखी, सेवकों आदि ने नगर में जाकर सारा वृतांत सुनाया । सम्पूर्ण समाज ने दैविक वाणी को शीश नमाकर शुभ मुहुर्त में कार्य प्रारंभ करने का निर्णय लिया व कार्य प्रारंभ किया गया जो लगभग 19 वर्षों में बावन जिनालय का काम सम्पूर्ण होने पर वि. सं. 1955 फाल्गुन कृष्णा पंचमी गुरुवार के शुभ दिन प. पू. आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय राजेन्द्रसूरिजी म. सा. के कर कमलों द्वारा 951 जिनबिम्बों की अंजनशालाका करवाकर इस बावन जिनालय मन्दिर की प्रतिष्ठा का कार्य सम्पन्न हुवा ।
मन्दिर बहुत ही विशाल भव्य व चमत्कारी है । कहा जाता है कि श्री गौडी पार्श्वप्रभु की प्रतिमा श्री कुमारपाल राजा के समय में श्री हेमचन्द्राचार्य द्वारा प्रतिष्ठित उन्हीं तीन प्रतिमाओं में से हैं, जो अत्यन्त प्रभाविक और चमत्कारिक सिद्ध हुई थी । कहा जाता है कि पूर्व में यह प्रतिमा चन्द्रावती नगरी में थी । अभी भी चमत्कारिक घटनाएं घटती रहती हैं ।
प्रतिवर्ष जेठ सुदी 6 को श्री शान्तिनाथ भगवान के मन्दिर में व फाल्गुन वदी 5 को श्री गौडी पार्श्वनाथ भगवान के मन्दिर में ध्वजा चढ़ती है तब भव्य मेले का आयोजन होता है ।।
अन्य मन्दिर इनके अतिरिक्त गाँव में 8 और मन्दिर व 3 दादावाड़ी व गुरु मन्दिर हैं ।
कला और सौन्दर्य 8 श्री गौड़ी पार्श्वनाथ भगवान का मन्दिर विशालता के साथ-साथ कलात्मक भी है । हर जगह विभिन्न शैली की कला नजर आती है । इस मन्दिर में तीन भमती व डबल शिखर हैं जो बहुत कम जगह देखने मिलते हैं ।
श्री शान्तिनाथ भगवान-आहोर
मार्ग दर्शन 8 नजदीक का रेल्वे स्टेशन जालोर यहाँ से 18 कि. मी. दूर है । यहाँ से जोधपुर 120 कि. मी. व फालना 55 कि. मी. दूर है । मन्दिरों तक कार व बस जा सकती हैं।
* ठहरने के लिये बस स्टेण्ड के पास सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला व यात्री भवन हैं । पास ही में जैन भोजनशाला भी हैं ।
पेढ़ी 1. श्री शांतिनाथ भगवान जैन श्वे. मन्दिर, जैन देरा की सेरी । पोस्ट : आहोर - 307 029. जिला : जालोर (राज.)
2. श्री गौडी पार्श्वनाथ भगवान जैन श्वे. मन्दिर पेढ़ी, सदर बाजार, पोस्ट : आहोर - 307 029. फोन : 02978-22409 मन्दिरजी, 22411 पिढ़ी)।
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