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हस्तिकुण्डी पड़ा हो। इस प्रकार का लांछन अन्यत्र किसी भी प्रतिमा पर नहीं पाया जाता, यह इसकी मुख्य विशेषता है। आचार्य श्री कक्कसूरि सप्तम, आचार्य श्री देवगुप्तसूरि सप्तम, आचार्य श्री कक्कसूरि अष्टम,श्री वासुदेवाचार्य, श्री शान्तिभद्राचार्य, श्री शान्याचार्य, श्री सूर्याचार्य आदि प्रकाण्ड विद्वान आचार्यों ने यहाँ पदार्पण करके नाना प्रकार के धर्म प्रभावना के कार्य किये हैं, जो उल्लेखनीय हैं । ___ श्री वासुदेवाचार्य ने हस्तिकुण्डीगच्छ की स्थापना यही पर की थी। यहीं पर रहते हुए आचार्यश्री ने आहड़ के राजा श्री अल्लट की महारानी को रेवती दोष बीमारी से मुक्त किया था। किसीसमय इस पर्वतमाला पर एक विराट नगरी थी व आठ कुएँ एवं नव बावड़ियाँ थीं । लगातार सोलह सौ पणिहारियाँ यहाँ पानी भरा करती थीं, ऐसी कहावत प्रसिद्ध है । झामड़ व रातड़िया, राठौड़, हथुण्डिया गोत्रों का उत्पत्ति स्थान भी यही है, इनके पूर्वज राजा जगमालसिंहजी ने वि. सं. 988 में आचार्य श्री सर्वदेवसूरिजी व राजा श्री अनन्त सिंहजी ने वि. सं. 1208 में आचार्य श्री जयसिंहदेवसूरिजी के उपकारों से प्रभावित होकर जैन धर्म अंगीकार किया था ।
प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ला 13 को विशाल मेला भरता हैं, इस अवसर पर पहाड़ों में रहनेवाले आदिवासी, भील, गरासिये एवं दूर दूर से हजारों भक्तगण आकर प्रभु भक्ति में तल्लीन हो जाते हैं । यहाँ के रेवती यक्ष अति चमत्कारी हैं, जिनकी प्रतिष्ठा प्रकाण्ड विद्वान आचार्य श्री यशोभद्रसूरिजी के शिष्य के वासुदेवाचार्यजी ने करवाई थी ।
अन्य मन्दिर ॐ इसके अतिरिक्त यहाँ पर नवनिर्माणित श्री महावीर वाणी का पांच मंतिला समवसरण मन्दिर हैं ।
कला और सौन्दर्य * यह अति प्राचीन क्षेत्र रहने के कारण अभी भी अनेकों प्राचीन अवशेष इधर-उधर पाये जाते हैं । प्रभु महावीर के प्रतिमा की कला अपना विशिष्ठ स्थान रखती हैं । प्राचीन राजमहलों के खण्डहर व प्राचीन कुएँ व बावड़ियाँ अभी भी प्राचीन कहावतों की याद दिलाते हैं ।
मार्ग दर्शन यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन जवाई बाँध लगभग 20 कि. मी. व फालना लगभग 28 कि. मी. दूर है, नजदीक का बड़ा गाँव बाली
श्री रातामहावीर भगवान-हथुण्डी
लगभग 25 कि. मी है । यहाँ का बस स्टेण्ड बीजापुर गाँव मे है जो कि लगभग 3 कि. मी. है जहाँ पर टेक्सी, आटो का साधन है । आखिर मन्दिर तक सड़क है, कार व बस जा सकती है । राणकपुर तीर्थ यहाँ से लगभग 40 कि. मी. है ।
18 ठहरने के लिए मन्दिर के निकट ही सर्वसुविधायुक्त दो धर्मशालाएँ, बड़े हाल, ब्लाक व गेस्ट हाऊस बने हुए है । जहाँ पर भोजनशाला व गेस सिस्टम के साथ रसोडे की सुव्यवस्था है ।
पेढ़ी श्री हथुण्डी राजा महावीर स्वामी तीर्थ, पोस्ट : बीजापुर - 306707. जिला : पाली (राज.), फोन : 02933-40139.
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