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धनबल, बाहुबल व सत्ता की ताकत का सदुपयोग चरित्रवान ही करेगा
किन्तु विश्व के वर्तमान वातावरण में इस बाह्य उपाय पर भी काफी सोच विचार चल रहा है। यह है टूटी खिड़की(ब्रोकन विंडों) की रणनीति, जिसका स्वरूप बनाया है रूडी गुइलियानी और विलियम ब्रेटन ने और इसका प्रयोग चल रहा है न्यूयार्क (यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरीका) में। इसे सरल विधि मानी जा रही है। इसका विश्लेषण इस प्रकार है-यदि आपके घर की कोई खिड़की टूट जाय और बहुत दिनों तक उसकी मरम्मत न कराई जाय तो रास्ते पर चलते-फिरते लोग आसानी से यह निष्कर्ष निकाल लेंगे कि किसी को इस घर की कोई परवाह नहीं है या कोई इसका कर्ता-हर्ता (इनचार्ज) नहीं है। फिर लोग अन्य खिड़कियों को भी तोड़ने लगेंगे और उस घर से लेकर गली में अराजकता जैसी मानसिकता फैल जाएगी। इससे सबको यह संदेश मिलेगा कि यहां कोई कुछ भी कर सकता है क्योंकि सब चलेगा। शहरों-गांवों में छोटी समस्याएं जिस तरह कानून और सुरक्षा की बड़ी समस्याएं बन जाती हैं उनके लिए 'टूटी खिड़की' का सिद्धांत लागू किया जाता है। क्योंकि छोटे अपराध ही बेरोकटोक बेपरवाही में संगीन अपराधों में बदल जाते हैं।
भ्रष्टाचार के विरूद्ध 'टूटी खिड़की के विचार को लागू करने का तरीका यह है कि भ्रष्टाचार से लड़ने का काम सबसे छोटे स्तर से शुरू किया जाना चाहिए। उससे पहले इसमें जुटने वाले कार्यकर्ताओं को तो रिश्वत न लेने-देने तथा ईमानदारी बरतने का पक्का निश्चय कर लेना चाहिए। इसका अर्थ यह होगा कि किनारों से भ्रष्टाचार को काटा जाएगा। हर गांव, कस्बे में तथा सरकारी विभागों के निचले से निचले कार्यालय में भ्रष्टाचार की खुली खिलाफत शुरू हो जाए जहां आम आदमियों का हर वक्त काम पड़ता रहता है। जगह-जगह इस काम के लिए 'चरित्रगठन नागरिक समितियां या भ्रष्टाचार संघर्ष नागरिक समितियां' बनाई जा सकती है। ऐसी समितियों के दिशानिर्देशन में नागरिक चार प्रकार की एजेन्सियों की मदद भ्रष्टाचार से संघर्ष करने में ले सकते हैं-1. न्याय विभाग, जहां रिट याचिकाओं आदि के, 2. दसरी एजेन्सी के रूप में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग. सेन्ट्रल विजिलेंस कमीशन आदि की सहायता प्राप्त की जा सकती है।, 3. तीसरा बड़ा सहयोगी हो सकता है पत्रकार जगत जिसमें विभिन्न पत्र-पत्रिकाएं तथा टी वी चैनलें शामिल की जा सकती है। 4. चौथी एजेन्सी हो सकती है कि समितियों की अपने तौर पर की जाने वाली सीधी कार्यवाही। इस प्रकार के भ्रष्टाचार के बारे में एक दिलचस्प बात सामने आई है कि महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार और भ्रष्यचारियों के विरूद्ध लांछना का विशेष प्रयोग किया गया। उनको सार्वजनिक रूप से उनके सामने ऐसा कुछ कहा गया कि वे शर्म के मारे पानी-पानी हो जाए, उनके सामने सुधारक भजन गाए गए
और ऐसे प्रयोग चल रहे हैं। इन छोटे-छोटे प्रयोगों से सामान्य जन को प्रेरणा और शक्ति मिलती है तथा वे भ्रष्टाचार के विरूद्ध संघर्ष में उत्साह के साथ कूद पड़ते हैं। शायद है एक दिन भारत में भी 'टूटी खिड़की के विचार पर जोरदार अमल शुरू हो जाए। ___ चरित्र निर्माण एवं विकास का क्षेत्र वस्तुतः युवा शक्ति के लिए कठिन चुनौतियों से भरा हुआ है, किन्तु एक युवा के सपने बड़े होने चाहिए, महत्त्वाकांक्षाएं ऊंची रहनी चाहिए, उसकी संकल्पबद्धता गहराइयों को छूने वाली होनी चाहिए और होने चाहिए उसके प्रयास महत्तर।
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