________________
चरित्रशीलता ही धर्म और नीति पर चढ़े मैल को धो सकेगी • नई सकारात्मक छवि मूल से उभरेगी और वही नई विश्व संस्कृति रचेगी
34. मानव सभ्यता के विकास की कहानी इसी त्रिकोण पर टिकी है चरित्र निर्माण से चरित्र सम्पन्नता तक की सतत यात्रा क्रोध के बाद क्रम है मान, माया तथा लोभ का
धर्म और विज्ञान की मजबूरियाँ मिटाने का वक्त आ गया है अब बात सोचनी होगी धार्मिक विज्ञान एवं वैज्ञानिक धर्म की भौतिक-आत्मिक दो नहीं, प्रवहमान सरिता के दो तटों की तरह एक है धर्म, विज्ञान व विकास का अन्तर्सम्बन्ध एवं चारित्रिक प्रगति चरित्र सम्पन्नता का यह त्रिकोण, मानव जीवन कर रक्षा- मानव
35. शोषण और उत्पीड़न मिटे बिना प्रेम कहाँ ? प्रेम बिना समता कैसी?
मानव हृदय में समता का वास : समानता का मापदंड चरित्र
समता आएगी जब विषमता मिटेगी और विषमता मिटेगी तब जब हिंसा घटेगी
सम्पूर्ण जीवनशैली का अहिंसक होना ही समता का मूलाधार
परिग्रह संचय पर अंकुश से समता स्थाई व सर्वव्यापी होगी
हिंसा, भय, घृणा के त्याग के साथ समता हेतु वांछित गुणों का वरण
सहमति से समता और समता से प्रेम की सरसता
बहुआयामी समता का लक्ष्य रहे जीवन में अथ से इति तक 36. समूची समस्याओं का हल होगा मनुष्य की चाल व उसके चलन से महाजनों ने मार्ग बनाया, चलाया, हर युग में महाजन होते हैं। चरित्र निर्माण नहीं होगा तो कहां से आएंगे नए मनुष्य और महाजन • आज के मनुष्य को भी नए चरित्र के साथ अपनी नई चाल बनानी होगी
तब उस चाल का चलन कैसे हो यह भी निश्चित करना होगा
यह चाल-चलन मानव मार्ग का प्रतीक हो और समूची समस्याओं का निर्णायक इस चालन-चलन का उद्देश्य हो पीढ़ियों के लिए असीम आनन्द 37. नव जागरण का बहुआयामी कार्यक्रम
मानवीय दृष्टिकोण के साथ सार्वजनिन चरित्र निर्माण का उद्देश्य बनावें
अभियान के राष्ट्रस्तरीय उद्देश्यों की अर्थवत्ता पर एक विहंगम दृष्टि व्यक्ति के उत्तरोत्तर चरित्र विकास हेतु अभियान के तीन चरणों का विवरण
अभियान के आयोजनों व प्रभातफेरी आदि के कार्यक्रमों में उत्साह का संचार करने वाले गीत-प्रगीत
अभियान के संविधान की संक्षिप्त रूपरेखा
अभियान को एक रचनात्मक प्रयोग मानते हुए पूरी सतर्कता रहे
38. चरित्र गति हेतु ग्राह्य गुणसूत्र व प्रचार नेटवर्क
अभियान की मार्मिकता स्पष्ट करने वाले ग्राह्य गुणसूत्र : प्रश्नोत्तर के माध्यम से इस आत्मानुभूति के क्षणों से गुजरना चाहिए अभियान के प्रत्येक सहभागी को
अनुक्रमणिका
438
439
442
444
447
447
449
451
452
454
456
458
460
462
463
465
467
468
470
472
474
476
480
481
483
485
487
488
489
493
499
501
503
505
512
XXXI