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सुचरित्रम्
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आचरण का आधार जीवन का परम सुधार 10. रत्नत्रय का तृतीय रत्न कितना मौलिक, कितना मार्मिक?
.तीन रत्नों को पहिचानिये और उनका मोल आंकिए! • जानो, मानो और करो की श्रृंखला में 'करो' का मौलिक महत्त्व ज्ञान और दर्शन की निष्ठा साकार रूप लेती है आचार की आराधना में आचार मीमांसा के आदिग्रंथ के एक अध्याय लोकसार का सार
चरित्रशीलता के मार्ग पर चलिए और नए सच्चरित्र समाज की रचना कीजिए 11. विविधता में भी चरित्र की आत्मा एक और उसका लक्ष्य भी एक
•चरित्र प्रयोग के भाँति-भाँति के क्षेत्र परन्तु आन्तरिकता एक .चरित्र का लक्ष्य भी एक है कि विकृतियाँ टूटें तथा समता भाव फूटे! •समता को आरंभ और अन्त की कड़ी बनाओ : सदा सुख पाओ! •सारे संसार को अपना घर मानो : बाहर युद्ध रोको, भीतर युद्ध लड़ो! •चरित्र की आत्मा है-सम्पूर्ण मानव जाति की एकता
• विचार, आचार में समता और सर्वत्र समता ही चरित्र का ध्येय 12. संसार व समाज के कुशल प्रबंधन का एक ही आधार चरित्र
प्रबंधन है आज का प्रश्न, समाधान और उद्देश्य भी • प्रबंधन की कुशलता हेतु व्यावसायिकता पर्याप्त या भावनात्मकता भी जरूरी?
चरित्र निष्ठा के बिना किसी भी प्रबंधन की सफलता संदिग्ध रहेगी। • कुशल प्रबंधन हेतु चरित्र गठन की प्राथमिक अनिवार्यता एवं विकास की क्रमिकता • कुशल प्रबंधन के क्षेत्रों की पहचान करो तथा नई व्यवस्था की रूपरेखा बनाओ!
• संसार व समाज का कुशल प्रबंधन तथा अहिंसक जीवन शैली का माध्यम 13. मानव चरित्रशील बनेगा तो समग्र समाज सजनशील
• देह स्वार्थी मानव क्षुद्र होता है, उसे विराटता की ओर ले जाता है समाज! •व्यक्ति कर्म और सामाष्टिक कर्मः कर्म का सर्व सम्बद्ध स्वरूप
चरित्र के प्रति निष्ठा एवं समर्पण व्यक्ति व समाज की जागृति के मुख्य बिन्दु
आधुनिक युग की चरित्र सम्बन्धी दो विडम्बनाएँ •व्यष्टि एवं समष्टि के संबंधों को नवीनता देने का प्रश्न
.मानव चेतना अदम्य है, अविजेय है और है सामाजिक सृजन की मौलिक धारा 14. चरित्र निर्माण का पारम्परिक प्रवाह एवं उसका सैद्धांतिक पक्ष
•सभ्यता, संस्कृति, धारणा, परम्परा एवं चरित्र निर्माण • शारीरिक तथा मानसिक विकास के साथ चरित्र निर्माण की क्रमिकता • परम्परा के प्रवाह में महापुरुषों का योगदान एवं चरित्र बल के चमत्कार •चरित्र निर्माण में प्रार्थना की परम्परा का प्रभाव • चरित्र निर्माण का केन्द्र है मानव और उसे सदा केन्द्र में ही रखना चाहिए
चरित्र निर्माण का एवं उसका फलितार्थ सैद्धांतिक पक्ष
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