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________________ जन्म, अं ओ हों तो शुक्लपक्ष का जन्म और औ अः हों तो कृष्णपक्ष का जन्म जातक का कहना चाहिए । १. पृच्छक के समस्त प्रश्नाक्षरों में से आलिंगित, अभिधूमित और दग्ध स्वर एवं व्यंजनों को पृथक्-पृथक् कर लिख लेना चाहिए। पश्चात् आलिंगित और दग्ध वर्णों की संख्या को परस्पर गुणाकर अभिधूमित वर्ण संख्या को आगत गुणनफल में जोड़ देना चाहिए । अनन्तर उस योगफल में / दो का भाग देने से एक शेष में शुक्लपक्ष और शून्य या दोष में कृष्णपक्ष अवगत करना चाहिए। २. प्रश्नाक्षरों में से द्वितीय और चतुर्थ वर्ग के अक्षरों को पृथक् कर दोनों संख्याओं का परस्पर गुणा कर लेना चाहिए | पश्चात् इस गुणनफल में प्रश्नाक्षरों में रहनेवाले प्रथम और पंचम वर्ग के वर्णों की संख्या को जोड़ देना चाहिए और इस योगफल में से तृतीय वर्णों की संख्या को घटा देना चाहिए | पश्चात् जो शेष बचे उसमें दो का भाग देने पर एक शेष में शुक्लपक्ष और शून्य या दो शेष में कृष्णपक्ष समझना चाहिए । ३. प्रश्नाक्षरों में रहनेवाली सिर्फ आलिंगित मात्राओं को तीन से गुणाकर, गुणनफल में अभिधूमित और दग्ध मात्राओं की संख्या को जोड़ देने पर जो योगफल हो, उसमें दो का भाग देने पर एक शेष में शुक्लपक्ष और शून्य या दो शेष में कृष्णपक्ष समझना चाहिए। ४. अधराक्षर प्रश्नवर्ण हों तो कृष्णपक्ष और उत्तराक्षर प्रश्नवर्ण हों तो शुक्लपक्ष ज्ञा करना चाहिए । तिथि विचार अथ तिथयः:-अ इ ए शुक्लपक्षप्रतिपत् । क २ च ३, ट ४, त ५, प ६, ७, श८, ग ६, ज १०, ड ११, द १२, ब १३, ल १४, स १५ इति शुक्लपक्षः। अं पञ्चम्यादि, अः त्रयोदश्याम्, अवर्गे ग्रामं, कवर्गे ग्रामबाझं, चवर्गे गव्यूतिमात्रम्, टवर्गे ६, तवर्गे १२, पवर्गे' १५, यवर्गे ४८, शवर्गे ६६, ङ अ ण न म वर्गे १६२ । एतदेव' दिनमाससंवत्सराणां दृष्टप्रमाणमिति सर्वेषामेव गुणानां स एव कालो द्रष्टव्यः । अर्थ - अब तिथिविचार कहते हैं- अ इ ए शुक्लपक्ष के प्रतिपदा संज्ञक, क वर्ण शुक्लपक्ष का द्वितीया संज्ञक, च वर्ण शुक्लपक्ष का तृतीया संज्ञक, ट वर्ण शुक्लपक्ष का चतुर्थी संज्ञक, त वर्ण शुक्लपक्ष का पंचमी संज्ञक, प वर्ण शुक्लपक्ष का षष्ठी संज्ञक य वर्ण शुक्लपक्ष का सप्तमी संज्ञक श वर्ण शुक्लपक्ष का अष्टमी संज्ञक, ग वर्ण शुक्लपक्ष का नौमी संज्ञक, वर्ण शुक्लपक्ष का दशमी संज्ञक, ड वर्ण शुक्लपक्ष का एकादशी संज्ञक, द वर्ण शुक्लपक्ष का द्वादशी संज्ञक, व वर्ण शुक्लपक्ष का त्रयोदशी संज्ञक, ल वर्ण शुक्लपक्ष का चतुर्दशी संज्ञक एवं सवर्ण पूर्णिमा संज्ञक है । इस प्रकार शुक्लपक्ष की तिथियों का निरूपण किया गया है 1 १. पवर्ग २५ - क. मू. । २. तदेव - क. मू. । १३० : केवलज्ञानप्रश्नचूडामणि
SR No.002323
Book TitleKevalgyan Prashna Chudamani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages226
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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