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________________ अर्थ-अ ए क च ट त प य श ये वर्ण शुक्लपक्षसंज्ञक, आ ऐ ख छ ठ थ फ र ष ये वर्ण कृष्णपक्ष संज्ञक, इ ओ ग ज ड द ब ल स ये वर्ण शुक्लपक्ष संज्ञक, ई औ घ झ ढ भ व ह ये वर्ण कृष्णपक्ष संज्ञक और पंचम वर्ण आधा शुक्लपक्ष संज्ञक और आधा कृष्णपक्ष संज्ञक होता है। अभिप्राय यह है कि उ ऊ ङ ञ ण न म ये वर्ण शुक्ल पक्ष संज्ञक और अं अः ये वर्ण कृष्णपक्ष संज्ञक होते हैं। आचार्य का भाव यह है कि यदि आद्य प्रश्नाक्षर या समस्त प्रश्नाक्षरों में प्रथम वर्ग के वर्ण अधिक हों-अ ए क च ट त प य श अधिक हों तो शुक्लपक्ष, द्वितीय वर्ग के वर्ण-आ ऐ ख छ ठ थ फ र ष अधिक हों तो कृष्णपक्ष, तृतीय वर्ग के वर्ण-इ ओ ग ज ड द ब ल स अधिक हों तो शुक्लपक्ष, चतुर्थ वर्ग के वर्ण-ई औ घ झ ढध भ व ह अधिक हों तो कृष्णपक्ष, पंचमवर्ग के-उ ऊ ङञ ण न म ये वर्ण अधिक हों तो शुक्लपक्ष एवं पंचमवर्ग के-अं अः-अनुस्वार और विसर्ग हों तो कृष्णपक्ष समझना चाहिए। पक्ष-संज्ञा-बोधक चक्र केवल ज्ञान- अ एक | आ ऐ ख इ ओ ग ज | ई औ घ झ | उ ऊ ङञ प्रश्न चूड़ा- च ट त प |छ ठ थ फ | ड द ब | द ध भ अं अः मणि का मत यश | रष । ल स । वह ण न म आ ए ऐ ख केरल मत | अ क च छ ठ थ फ | इ ग ज ड ई औ घ झ ढ| ऊ न म प य श ओ टत र ष द ब ल स | ध भ व ह अं अः स्वरशास्त्र- | अई । आई । उ ए | ऊ ऐ | अं ओ | औ अः का मत शुक्लपक्ष | कृष्णपक्ष शुक्लपक्ष | कृष्णपक्ष | शुक्लपक्ष | कृष्णपक्ष विवेचन-नष्ट वस्तु किस पक्ष में प्राप्त होगी? यह जानने के लिए कोई व्यक्ति प्रश्न करे तो आद्य प्रश्नाक्षर अ ए क च ट त प य श होने से शुक्ल पक्ष में, आ ऐ ख छ ठ थ फ र ष होने से कृष्ण पक्ष में, इ ओ ग ज ड द ब ल स होने से शुक्लपक्ष में, इ औ घ झ ढ ध भ व ह होने से कृष्णपक्ष में, उ ऊ ऊ ञ ण न म होने से शुक्लपक्ष में और अं अः होने से कृष्णपक्ष में पृच्छक की नष्ट वस्तु की प्राप्ति कहनी चाहिए। स्वरशास्त्र का मत है कि यदि प्रश्नाक्षरों की आद्य मात्राएँ अ इ हों तो शुक्लपक्ष में, आ ई हों तो कृष्णपक्ष में, उ ए हों तो शुक्लपक्ष में, ऊ ऐ हों तो कृष्णपक्ष में, अं ओ हों तो शुक्लपक्ष में एवं औ अः हों तो कृष्णपक्ष में वस्तु की प्राप्ति समझनी चाहिए। नष्ट जन्मपत्री बनाने के लिए यदि प्रश्न हो तो प्रथम उपर्युक्त विधि से मास ज्ञात कर पक्ष का विचार करना चाहिए। यदि नष्ट जातक के प्रश्नों में प्रश्नाक्षरों की आद्य मात्रा अ इ हों तो शुक्लपक्ष का जन्म, आ ई हों तो कृष्णपक्ष का जन्म; ऊ ए हों तो शुक्लपक्ष जन्म, फ ऐ हों तो कृष्णपक्ष का केवलज्ञानप्रश्नचूडामणि : १२६
SR No.002323
Book TitleKevalgyan Prashna Chudamani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages226
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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