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| क्रमाङ्क
सूक्ति नम्बर
सूक्ति शीर्षक
558
103
559
152
560
561
154 155 158
श्रद्धा से आचरण श्रमणत्व, दुष्कर श्रमणत्व, अग्निपानवत् श्रमणत्व, महान् गुरुतरभार श्रमणत्व, दुष्कर श्रमण, आत्मानुशासी श्रमण-क्रिया क्यों? श्रद्धाशील वीर
562
563
189
564
257
565
388
566
126
श्रावक का स्वरूप
567
229
श्रेष्ठ निर्ग्रन्थ कौन ? श्रेष्ठ क्या ?
568
448
569
244
हास्य में निन्दा प्रिय हास्य-वर्जन
570
245
571
247
572
251
हास्य से मिथ्याभाषा हाथ कंगन को आरसी क्या ?
573
314
574
166
हितकारी सत्य हित-मित प्रिय
575
233
576
___468
है, वैसा कहो
577
298
578
422
हिंसा, अश्रेयस्कर हिंसा-त्याज्य हिंसा सर्वत्र त्याज्य
579
423
अभिधान गजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-6 . 264