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| कमाइ
सक्ति नम्बर
सक्ति शीर्षक
194 195
255 258 278
दर्प, कल्प कब ? दपिका-कल्पिका स्वरूप दर्शन से श्रद्धा
196
197
53
दिव्यगति दिखाउ त्यागी
198
401
199
442
दीक्षा निरर्थक
aav
200
519
दुर्वचन लोहकंटक
201
92
202
115
203
127
204
141
205
146
दुःखक्षय किससे? दुःखोपशमन में असमर्थ दुःखभोक्ता कौन ? दुःख-भाजन शरीर दुःखमय संसार दुःख ही दुःख दुःखवर्धक क्या ? दुःख-सुख अपना दुःख-मूल, क्रोध दुःशील, शूकरवत्
206
148 191
207
378
208 209
445
210
458
दे
211
60
76
345
212 213 214 215
देह की पुष्टि और क्षीणता देहासक्ति-त्याग देह-अशुचिता देवतुल्य कौन ? देहभाव-विसर्जन
563
601
216
403
द्रव्य-भाव हिंसा-स्वरूप
अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-6 . 249