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________________ - प्रश्नव्यकरण 2025 हँसी मत करो। 246. क्रोध-वर्जन कोहो ण सेवियव्वो। _ - श्री अभिधान राजेन्द्र कोष (भाग 6 पृ. 331) - प्रश्नव्याकरण 2/1/25 क्रोध मत करो। 247. हास्य परपीडाकारगं च हासं । - श्री अभिधान राजेन्द्र कोष (भाग 6 पृ. 331) __ - प्रश्नव्याकरण 2125 हास्य परपीडाकारक होता है। 248. निम्रन्थ कौन ? भयं परियाणई से निग्गंथे । - श्री अभिधान राजेन्द्र कोष (भाग 6 पृ. 331) - आचारांग 23 जो साधक भय का दुष्फल जानकर उसका परित्याग कर देता है, वह निर्ग्रन्थ है। 249. वही निर्ग्रन्थ हासं परिजाणइ से निग्गंथे । - श्री अभिधान राजेन्द्र कोष (भाग 6 पृ. 331) __ - आचारांग 23 जो साधक हास्य के अनिष्ट परिणाम को जानकर उसका परित्याग कर देता है, वह निर्ग्रन्थ है। 250. भय से असत्य भयापत्ते भीरु समावइज्जा मोसं वयणाए । अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-6. 117 ) -
SR No.002321
Book TitleAbhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
PublisherKhubchandbhai Tribhovandas Vora
Publication Year1998
Total Pages312
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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