________________
क्रमाङ्क
सूक्ति नम्बर
स क्ति शीर्षक
जहर ही जहर जरा जर, जर
107
221
108
312
- 109
110
52 273 341
जितेन्द्रिय जिनोपदेश जिज्ञासु के अष्ठ गुण
111
11
115.
112 113 114 115 116
144
जीवन अरमणीय नहीं ! जीवन-मरण से निरपेक्ष जीवनसूत्र जीवन-दान जीवन मृत्यु की ओर जीवों के प्रति आत्मवत् आदर्श
184
314
117353
पा
118
213
ज्योति
119
15
तपश्चरण-प्रयोजन तपश्चरण
120
183
121
त्वचेन्द्रियासक्ति से विनाश
122
तृष्णा-त्याग तृष्णा, क्षीण
123
0
124 320. 125 . 357
दयापरायण दर्शनभ्रष्ट, भ्रष्ट
126 127
225 227
दान, प्रथम सीढ़ी दान के योग्य पात्र दानाधिकारी
128
228
129
179
दीक्षा निरर्थक कब ?
अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-5 • 209