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उत्तराध्ययन 1/24
साधक दूषित (संदिग्ध एवं सावद्य आदि) भाषा का त्याग करें ।
387. असत्य - वर्जन
मुसं परिहरे भिक्खू ।
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उत्तराध्ययन 1/24
भिक्षु झूठ का परित्याग करे ।
श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [ भाग 5 पृ. 1543]
388. कपट- त्याग
मायं च वज्जए सया ।
कपट मत करो ।
389. भाषा - विवेक
श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [ भाग 5 पृ. 1543]
उत्तराध्ययन 1/21
न लवेज्ज पुट्ठो सावज्जं, निरत्थं न मम्मयं ।
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उत्तराध्ययन 1/25
पूछने पर पापयुक्त एवं निरर्थक भाषा मत बोलो ।
श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [भाग 5 पृ. 1543 ]
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390. वचन - विवेक
तहेव काणं 'काणे' त्ति, पंडगं 'पंडगे' त्ति वा । वाहियं वावि 'रोग' त्ति, तेणं 'चोरे' त्ति नो वए ॥
श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [भाग 5 पृ. 15431545] दशवैकालिक 7/12
काने को काना, नपुंसक को नपुंसक, रोगी को रोगी और चोर को चोर नहीं कहना चाहिए ।
391. निश्चयात्मक वचन त्याज्य
जत्थ संका भवे तंतु, एवमेयंति नो वए ।
अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-5 160