SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 29
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २० तीर्थरक्षक सेठ शान्तिदास मन्दिर के लिए शाहस्तखान उनद्-तुल-मुल्क गैरतखान को फरमान है कि "शाहजादा, सुलतान औरंगजेब बहादुर ने इस जगह कुछ महरावें बनाकर मस्जिद बनाई थीं, लेकिन मुल्ला अब्दुल हकीक ने हमारी हुजरात में आकर जाहिर किया कि दूसरे की मिल्कियत पर बिनाहक के मस्जिद बनाना बेकानूनी है। यह मिल्कियत सेठ शांतिदास की है। सिर्फ नामदार शाहजादे मारफ़त बनाई गई मेहराबों की वजह से वह मस्जिद नहीं हो सकती, इसलिए हुक्म किया जाता है कि सेठ शाँतिदास को बिला वजह तकलीफ न दी जाय, ये मेहराबें वहां से निकालकर वह मिल्कियत सेठ शाँतिदास को सौंपी जाय । हुक्म किया जाता है कि शांतिदास जौहरी पर मेहर निगाह कर मिल्कियत सौंप दी जाय । वहाँ वे उसका इस्तेमाल अपने महजब के मुआफिक खुशी के साथ इबादत के लिए कर सकते हैं। जो फकीर वहां रहते हैं, उन्हें वहाँ से निकाल दिया जाय । उन्हें सेठ शाँतिदास के साथ झगड़ाफसाद न करने दिया जाय। नामदार शहंशाह को यह भी पता चला है
SR No.002308
Book TitleTirthrakshak Sheth Shantidas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRishabhdas Ranka
PublisherRanka Charitable Trust
Publication Year1978
Total Pages78
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy