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149. हेदू चदुब्वियप्पो अट्ठवियप्पस्स कारणं भणिदं।
तेसिं पि य रागादी तेसिमभावे ण बझंति।।
चदुब्वियप्पो अट्ठवियप्पस्स कारणं भणिदं
तेर्सि
(हेदु) 1/1
कारण [(चदु) वि-(व्वियप्प) 1/1] चार प्रकार [(अट्ठ) वि-(वियप्प) 6/1] आठ प्रकार के (कारण) 1/1
निमित्त (भण) भूकृ 1/1
कहा गया (त) 6/2
उनके अव्यय
भी अव्यय
और [(राग)-(आदि) 1/1] [(तेसिं)+ (अभावे)] तेसिं (त) 6/2 अभावे (अभाव) 7/1 अभाव होने पर । अव्यय
नहीं (बझंति) व कर्म 3/2 अनि बाँधे जाते .
रागादि
रागादी तेसिमभावे
उनके
बज्झंति
अन्वय- चदुवियप्पो हेदू अट्ठवियप्पस्स कारणं भणिदं य तेसिं पि रागादी तेसिमभावे ण बझंति।
अर्थ- चार प्रकार का (मिथ्यात्व, अविरति, कषाय और योग) कारण आठ प्रकार के (कर्मों का) निमित्त कहा गया (है) और उन (चार प्रकार) के (कारण) भी रागादि (भाव) (हैं)। उन (रागादि भावों) का अभाव होने पर (कर्म) नहीं बाँधे जाते।
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पंचास्तिकाय (खण्ड-2) नवपदार्थ-अधिकार