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79. सद्दो खंधप्पभवो खंधो परमाणुसंगसंघादो।
पुढेसु तेसु जायदि सद्दो उप्पादगो णियदो।।
खंधप्पभवो'
(सद्द) 1/1 [(खंध)-(प्पभवो) 1/1]
खंधो परमाणुसंगसंघादो
शब्द स्कंध से उत्पन्न होनेवाला/उत्पादित स्कंध परमाणुओं के मेल का समूह छुआ हुआ होने पर उनसे उत्पन्न होता है शब्द फलोत्पादक निश्चित
(खंध) 1/1 [(परमाणु)-(संग)(संघाद) 1/1] . (पुट्ठ) भूक 7/2 अनि (त) 7/2-5/2 सवि (जाय) व 3/1 अक (सद्द) 1/1 (उप्पादग) 1/1 वि (णियद) भूकृ 1/1 अनि
तेसु
जायदि
सद्दो
उप्पादगो णियदो
अन्वय- सद्दो खंधप्पभवो परमाणुसंगसंघादो खंधो तेसु पुढेसु णियदो उप्पादगो सहो जायदि।
अर्थ- शब्द स्कंध से उत्पन्न होनेवाला/उत्पादित (है)। परमाणुओं के मेल का समूह स्कंध (है)। उन (स्कंधों) से (आपस में) छुआ हुआ होने पर निश्चित (विभिन्न प्रकार का) फलोत्पादक शब्द उत्पन्न होता है।
प्रायः समास के अन्त में 'उत्पन्न होनेवाला' अर्थ को प्रकट करता है। 2. कभी-कभी पंचमी विभक्ति के स्थान पर सप्तमी विभक्ति का प्रयोग पाया जाता है।
(हेम-प्राकृत-व्याकरणः 3-137)
1.
पंचास्तिकाय (खण्ड-1) द्रव्य-अधिकार
(89)