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74. खंधा य खंधदेसा खंधपदेसा य होंति परमाणू।
इदि ते चदुव्वियप्पा पुग्गलकाया मुणेयव्वा।।
खंधा
(खंध) 1/2
स्कंध
अव्यय
पादपूरक
खंधदेसा खंधपदेसा
(खंधदेस) 1/2 (खंधपदेस) 1/2
स्कंधदेश स्कंधप्रदेश
अव्यय
और
होंति
होते हैं
(हो) व 3/2 अक (परमाणु) 1/2
परमाणू
परमाणु
इदि
अव्यय
इस प्रकार
चदुब्वियप्पा पुग्गलकाया मुणेयव्वा
(त) 1/2 सवि [(चदु) वि-(ब्वियप्प) 1/2] चार प्रकार के (पुग्गलकाय) 1/2 पुद्गलास्तिकाय (मुण) विधिकृ 1/2 समझे जाने चाहिए
अन्वय- खंधा य खंधदेसा खंधपदेसा य परमाणू होंति इदि ते चदुव्वियप्पा पुग्गलकाया मुणेयव्वा।
अर्थ- स्कंध, स्कंधदेश, स्कंधप्रदेश और परमाणु (पुद्गलद्रव्य के भेद) हैं। इस प्रकार वे चार प्रकार के पुद्गलास्तिकाय समझे जाने चाहिए।
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पंचास्तिकाय (खण्ड-1) द्रव्य-अधिकार