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36. ण कुदोचि वि उप्पण्णो जम्हा कज्जं ण तेण सो सिद्धो।
उप्पादेदि ण किंचि वि कारणमवि तेण ण स होदि।।
नहीं किसी से
कुदोचि (कुओइ)
भी
उत्पन्न हआ
उप्पण्णो जम्हा कज्ज
चकि
.
कार्य
नहीं
तेण
सिद्धो उप्पादेदि
अव्यय अव्यय अव्यय (उप्पण्ण) भूक 1/1 अनि अव्यय (कज्ज) 1/1 अव्यय अव्यय (त) 1/1 सवि (सिद्ध) 1/1 (उप्पाद) व 3/1 सक अव्यय अव्यय अव्यय [(कारणं)+(अवि)] कारण (कारण) 1/1 अवि (अ) = भी अव्यय अव्यय (त) 1/1 सवि (हो) व 3/1 अक
इसलिए वह सिद्ध उत्पन्न करता है
नहीं
किंचि
कुछ
कारणमवि
कारण
EFF
इसलिए नहीं वह होता है
अन्वय- जम्हा कुदोचि वि उप्पण्णो ण तेण सो सिद्धो कज्जं ण किंचि वि ण उप्पादेदि तेण स कारणमवि ण होदि।
अर्थ- चूँकि (सिद्ध जीव) किसी से भी उत्पन्न नहीं हुआ (है) इसलिए वह सिद्ध कार्य नहीं (है) (और)(चूँकि) (सिद्ध) कुछ भी उत्पन्न नहीं करते हैं इसलिए वह (सिद्ध जीव) कारण भी नहीं है।
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पंचास्तिकाय (खण्ड-1) द्रव्य-अधिकार