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23. सब्भावसभावाणं जीवाणं तह य पोग्गलाणं च।
परियट्टणसंभूदो कालो णियमेण पण्णत्तो।।
सब्भावसभावाणं जीवाणं
[(सब्भाव)-(सभाव) 6/2 वि] अस्तित्व स्वभाववाले (जीव) 6/2
जीवों के अव्यय
उसी प्रकार
तह
अव्यय
और
पोग्गलाणं
परियट्टणसंभूदो
(पोग्गल) 6/2 अव्यय [(परियट्टण)-(संभूद)
भूकृ 1/1 अनि] (काल) 1/1 (णियम) तृतीयार्थक अव्यय
पुद्गलों के पादपूरक परिणमन में उपस्थित रहा काल नियमपूर्वक/ आवश्यकरूप से कहा गया
कालो णियमेण
पण्णत्तो
(पण्णत्त) भूकृ 1/1 अनि
अन्वय- सब्भावसभावाणं जीवाणं य तह पोग्गलाणं च परियट्टणसंभूदो णियमेण कालो पण्णत्तो।
अर्थ- अस्तित्व स्वभाववाले जीवों के और उसी प्रकार पुद्गलों के परिणमन में (जो) उपस्थित रहा (है) (वह) नियमपूर्वक/आवश्यकरूप से काल कहा गया (है)।
पंचास्तिकाय (खण्ड-1) द्रव्य-अधिकार
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