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19. एवं सदो विणासो असदो जीवस्स णत्थि उप्पादो।
तावदिओ जीवाणं देवो मणुसो त्ति गदिणामो॥
एवं
सदो
विनाश
विणासो असदो
जीवस्स
उत्पाद
णत्थि उप्पादो तावदिओ जीवाणं
अव्यय
पूर्वोक्त रीति से (सदो) 6/1 वि अनि . सत् का (विणास) 1/1 (असदो) 6/1 वि अनि असत् का (जीव) 6/1
जीव का अव्यय
नहीं है (उप्पाद) 1/1 (तावदिओ) 1/1 सवि अनि वास्तव में यह (जीव) 6/2-7/2
जीवों में (देव) 1/1 [(मणुसो)+ (इति)] मणुसो (मणुस) 1/1 मनुष्य इति (अ) = क्योंकि (गदिणाम) 1/1
गतिनाम
देवो
देव
मणुसो त्ति
क्योंकि
गदिणामो
अन्वय- एवं जीवस्स सदो विणासो णत्थि असदो उप्पादो जीवाणं देवो मणुसो त्ति तावदिओ गदिणामो।
अर्थ- पूर्वोक्त रीति से जीव के सत् (स्वभाव) का विनाश नहीं है (और) (जीव के) असत् (स्वभाव) का उत्पाद (नहीं है) क्योंकि जीवों में यह देव (और) मनुष्य वास्तव में गतिनाम (कर्म) (है)।
1.
कभी-कभी सप्तमी विभक्ति के स्थान पर षष्ठी विभक्ति का प्रयोग पाया जाता है। (हेम-प्राकृत-व्याकरणः 3-134)
पंचास्तिकाय (खण्ड-1) द्रव्य-अधिकार