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72. णट्ठट्टकम्मबंधा अट्टमहागुणसमण्णिया परमा।
लोयग्गठिदा णिच्चा सिद्धा ते एरिसा होंति ॥
ष्ट
णट्ठठ्ठकम्मबंधा [(गट्ठ) भूकृ अनि-(अट्ठ)
(कम्मबंध) 1/2] कर दिये गये अट्टमहागुणसमण्णिया [(अट्ठ)-(महागुण)- आठ महागुणों से
(समण्णिय) भूकृ 1/2 अनि] समन्वित/युक्त परमा
(परम) 1/2 वि सर्वोपरि लोयग्गठिदा [(लोयग्ग)-(ठिद) भूकृ 1/2] लोक के अग्रभाग में
स्थित णिच्चा (णिच्च) 1/2 वि
शाश्वत (सिद्ध) 1/2 (त) 1/2 सवि
(एरिस) 1/2 वि होंति
(हो) व 3/2 अक होते हैं
सिद्धा
सिद्ध
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एरिसा
अन्वय- ते सिद्धा एरिसा होंति अट्ठमहागुणसमण्णिया परमा लोयग्गठिदा णिच्चा णट्ठकम्मबंधा ।
अर्थ- वे सिद्ध ऐसे होते हैं: आठ महागुणों से समन्वित/युक्त, सर्वोपरि लोक के अग्रभाग में स्थित, शाश्वत (तथा) (जिनके द्वारा) आठ कर्मबंध नष्ट कर दिये गये हैं)।
1.
सिद्धों के आठ गुणः (1) अनंतज्ञान (2) अनंतदर्शन (3) अनंतसुख (4) अनंतवीर्य (5) सूक्ष्मत्व गुण (6) अवगाहनत्व (7) अगुरुलघुत्व (8) अव्याबाधत्व ।
नियमसार (खण्ड-1)
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