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70. कायकिरियाणियत्ती काउस्सग्गो सरीरगे गुत्ती।
हिंसाइणियत्ती वा सरीरगुत्ति त्ति णिहिट्ठा ॥
काय की क्रियाओं का त्याग कायोत्सर्ग काय में
संयम
कायकिरियाणियत्ती [(काय)-(किरिया)
(णियत्ति) 1/1] काउस्सगो
(काउस्सग) 1/1 सरीरगे
(सरीरग) 7/1
'ग' स्वार्थिक गत्ती
(गुत्ति) 1/1 हिंसाइणियत्ती [(हिंसा)+(आइणियत्ती)]
[(हिंसा)-(आइ)
(णियत्ति) 1/1] वा
अव्यय सरीरगुत्ति त्ति [(सरीरगुत्ती)+ (इति)]
सरीरगुत्ती (सरीरगुत्ति) 1/1
इति (अ) = पादपूरक णिहिट्ठा (णिद्दिट्टा) भूक 1/1 अनि
हिंसा आदि का त्याग
अथवा
कायगुप्ति पादपूरक कही गई
अन्वय- कायकिरियाणियत्ती काउस्सग्गो सरीरगे गुत्ती वा हिंसाइणियत्ती सरीरगुत्ति त्ति णिहिट्ठा ।
अर्थ- काय की क्रियाओं का त्याग कायोत्सर्ग (है) (यह) काय में संयम (कहा जाता है) अर्थात् कायगुप्ति है अथवा हिंसा आदि का त्याग (भी) कायगुप्ति कही गई (है)।
नियमसार (खण्ड-1)
(83)