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29. पोग्गलदव्वं उच्चइ परमाणू णिच्छएण इदरेण।
पोग्गलदव्वो त्ति पुणो ववदेसो होदि खंधस्स ॥
पोग्गलदव्वं
उच्चइ परमाणू णिच्छएण इदरेण
[(पोग्गल)-(दव्व) 1/1] (उच्चइ) व कर्म 3/1 अनि (परमाणु) 1/1 (णिच्छय) 3/1 (इदर) 3/1 वि
पुद्गलद्रव्य कहा जाता है परमाणु निश्चयनय से इससे भिन्न (व्यवहारनय) से
पोग्गलदव्वो त्ति
पुद्गलद्रव्य
पादपूरक
[(पोग्गलदव्वो)+ (इति)] पोग्गलदव्वो [(पोग्गल)(दव्व) 1/1] इति (अ) = अव्यय (ववदेस) 1/1 (हो) व 3/1 अक (खंध) 6/1
और
पुणो ववदेसो
नाम
होदि
खंधस्स
स्कंध का
अन्वय- णिच्छएण परमाणू पोग्गलदव्वं उच्चइ पुणो इदरेण खंधस्स ववदेसो पोग्गलदव्वो त्ति होदि ।
अर्थ- निश्चयनय (मूलदृष्टि) से परमाणु पुद्गलद्रव्य कहा जाता है और इससे भिन्न (व्यवहारनय-लोकदृष्टि) से स्कन्ध का नाम पुद्गलद्रव्य है।
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नियमसार (खण्ड-1)